गुमला: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के अहम हिस्से के रूप में काम कर रहे 108 एम्बुलेंस के ड्राइवर एवं अन्य कर्मी अपनी मांगों को लेकर गुमला सदर अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए हैं। कर्मियों का आरोप है कि सेवा संचालन कर रही सम्मान एजेंसी न तो उनके हितों की रक्षा कर रही है और न ही एम्बुलेंस की स्थिति को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी निभा रही है।
कर्मियों का कहना है कि वे निरंतर आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, लेकिन उनके कार्य के अनुरूप न तो वेतन मिल रहा है और न ही मान-सम्मान। इस उपेक्षा के कारण उन्होंने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए धरने का विकल्प चुना है।
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा असर
धरने पर बैठे एम्बुलेंस कर्मियों से बातचीत के दौरान यह बात सामने आई कि उनके कार्य से पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था काफी हद तक जुड़ी हुई है। ऐसे में उनके हड़ताल पर चले जाने से आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के संचालन में गंभीर बाधा उत्पन्न हो गई है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में समस्याएं सामने आ रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है।
क्या हैं एम्बुलेंस कर्मियों की प्रमुख मांगें?
• नियमित वेतन भुगतान और वेतन में वृद्धि
• सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ
• एम्बुलेंस की मरम्मत और रखरखाव सुनिश्चित करना
• कार्य के अनुरूप सम्मान और स्थायी सेवा शर्तें
एंबुलेंस कर्मियों ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर जल्द से जल्द समाधान निकालें, ताकि जनता को स्वास्थ्य सेवाओं के बाघित होने से समस्याओं का सामना न करना पड़े और कर्मचारी भी सम्मानपूर्वक अपना कर्तव्य निभा सकें।
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