रांची, 19 नवंबर : झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) द्वारा दिये गए ₹11.45 लाख के मुआवजे के फैसले को बरकरार रखा है। यह मुआवजा उस बढ़ई की विधवा को मिलेगा, जो एक सड़क दुर्घटना में मारे गए थे। अदालत ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की अपील को खारिज करते हुए बीमाकर्ता के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाले, क्योंकि वे विपरीत साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहे थे।
यह घटना 24 दिसंबर 2021 को धनबाद जिले के जीटी रोड स्थित रंगबांध मोड़ के पास हुई थी। पीड़ित, 58 वर्षीय इजारत अंसारी, जब सड़क पार कर रहे थे, तो तेज गति से आ रही एक मोटरसाइकिल ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए धनबाद के एसएनएमएमसीएच और बाद में रांची के रिम्स अस्पताल भेजा गया। दुर्भाग्यवश, उनकी मृत्यु 2 जनवरी 2022 को हो गई।
अंसारी की विधवा सुंदरी बीबी ने अपने परिवार के साथ मिलकर मोटर वाहन अधिनियम के तहत बीमा कंपनी से मुआवजे का दावा दायर किया। बीमा कंपनी ने यह दावा विरोधी किया, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कंपनी ने विसंगतियों को स्पष्ट करने में असफलता की वजह से मुआवजे का भुगतान करना अनिवार्य कर दिया।
इस फैसले ने बीमाकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है, जहां अदालत ने यह तय किया कि बीमाकर्ताओं को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सटीकता और ईमानदारी से करना चाहिए।
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