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‘हिंदू अब अपने ही राज्य में शरणार्थी बन गया है’ ममता बनर्जी पर भड़के मिथुन चक्रवर्ती, बोले – पश्चिम बंगाल में दादागिरी चरम पर!

by Neha Verma
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा और वक्फ कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से विफल बताते हुए आरोप लगाया कि बंगाल में अब हिंदू समुदाय को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है।

वक्फ तो बस बहाना है, असली एजेंडा कुछ और है

आईएएनएस से खास बातचीत में मिथुन ने कहा, ‘वक्फ तो बस एक बहाना है। इसके पीछे असली एजेंडा हिंदुओं को निशाना बनाना है। वक्फ की जमीनें नेताओं ने कब्जा ली हैं, कहीं गोदाम बना दिए गए हैं तो कहीं किराए पर चढ़ा दिए हैं। अगर मुसलमान भाइयों को वाकई कुछ मिल रहा होता, तो हम कुछ नहीं कहते। लेकिन यहां तो पूरा खेल नेताओं का है। इसके बहाने हिंदुओं के घर उजाड़े जा रहे हैं, लोग ट्रांजिट कैंपों में खिचड़ी खा रहे हैं।’

‘बंगाल में हिंदू अब शरणार्थी बन चुका है’

मिथुन चक्रवर्ती ने आगे कहा, “स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि आम हिंदू अब अपने ही राज्य में शरणार्थी बन गया है। जिनके पास एक छोटी कोठरी थी, वो भी छिन गई है। आज वो लोग सड़क पर हैं।”

‘पुलिस दंगा नहीं रोकती, फंक्शन देखने आती है’

राज्य की पुलिस पर सवाल उठाते हुए मिथुन ने कहा, “पुलिस अब दंगे रोकने नहीं आती। वो कुर्सी लेकर बैठती है और तमाशा देखती है, जैसे कोई शो चल रहा हो। उनकी भूमिका अब मूकदर्शक की बन चुकी है। सरकार भी कोई कार्रवाई नहीं करती।”

‘CM चाहें तो सब एक दिन में खत्म हो सकता है’

उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि ‘अगर मैडम चाहें तो एक दिन में सब कुछ खत्म हो सकता है। लेकिन उन्होंने अब तक किसी को रोका नहीं। बंगाल में अब सनातनी, ईसाई, सिख—इनका वोट नहीं मिलता, इसलिए तुष्टिकरण की राजनीति हो रही है। जो वोट बैंक है, उसे खुश रखने के लिए कुछ भी किया जा रहा है, चाहे कोई मरे या जिंदा रहे।’

‘बंगाल में राष्ट्रपति शासन की जरूरत’

मिथुन ने केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा ही चलता रहा तो जितनी जल्दी हो सके राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। मैंने पहले भी गृह मंत्री से रिक्वेस्ट की है और अब आपके माध्यम से फिर कह रहा हूं कि चुनाव से कम से कम दो महीने पहले सेना तैनात कर दी जाए। नतीजों के बाद भी एक महीना सेना बनी रहनी चाहिए, क्योंकि अगर मौजूदा सरकार फिर आई तो वही कत्लेआम दोहराया जाएगा।’

‘सेना की तत्काल जरूरत’

उन्होंने साफ कहा कि ‘इस वक्त बंगाल में सेना की बेहद जरूरत है। हालात ऐसे हैं कि सिर्फ सेना ही स्थिति संभाल सकती है।’

‘गवर्नर को रोका गया, लोग मार खाते रहे’

राज्यपाल द्वारा हिंसाग्रस्त इलाकों के दौरे पर भी मिथुन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘गवर्नर साहब को पहले ही जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें रोका गया। वो पैसा नहीं मांग रहे थे, बस ये दिखाने गए थे कि कोई है जो उनके साथ खड़ा है। लेकिन उन्हें भी नहीं जाने दिया गया।’

‘मुख्य जिम्मेदार कौन?’

दंगों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी किसकी है, इस सवाल पर मिथुन ने फिर दोहराया, ‘वक्फ कानून तो एक बहाना है। जब मुख्यमंत्री खुद कहती हैं कि मैं जमीन नहीं दूंगी, जबकि कानून संसद से पास हो चुका है, तो दिक्कत कहां है? यही असली वजह है दंगों की।’

‘रेखा गुप्ता के बयान से सहमति’

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा ममता बनर्जी को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराने के सवाल पर मिथुन ने कहा, ‘वो तो सीधे कह रही हैं, क्योंकि ममता बनर्जी ही मुख्यमंत्री हैं। मैं भी कुछ कहूंगा, लेकिन थोड़ा समय लूंगा। जब बोलूंगा तो बहुत भारी पड़ेगा।’

’हिंसाग्रस्त इलाकों में जाना चाहता हूं, लेकिन अनुमति नहीं’

अंत में मिथुन ने कहा, ‘मैं खुद हिंसाग्रस्त इलाकों में जाना चाहता हूं, लेकिन मुझे अब तक परमिशन नहीं मिली।’

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