प्रयागराज : महाकुंभ 2025, जो 13 जनवरी से शुरू हुआ, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन चुका है। लाखों श्रद्धालु गंगा नदी के किनारे पुण्य अर्जित करने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इस विशाल धार्मिक मेला में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं और यात्रा के लिए सुगम मार्ग उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती से निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।

रेलवे बोर्ड अध्यक्ष का बड़ा ऐलान
महाकुंभ के दौरान यात्रियों की भारी संख्या को देखते हुए भारतीय रेलवे ने विशेष तैयारियां की हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने इस पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि “हमने प्रयागराज में 5000 करोड़ रुपये से इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया है, जिससे अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन संभव हो पाया है।”
विशेष ट्रेन सेवाओं का विस्तार
महाकुंभ के दौरान विशेष ट्रेन सेवाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया था, और इस योजना को सफल बनाने के लिए रेलवे ने कई अहम कदम उठाए। सतीश कुमार के मुताबिक, “मौनी अमावस्या के दिन के लिए हमने 132 ट्रेनों की योजना बनाई थी, लेकिन हमने 13 और 14 जनवरी को इन ट्रेनों को पहले ही चला दिया था।” इसके साथ ही, रेलवे ने श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज क्षेत्र में कई और व्यवस्थाएं की हैं, जैसे स्टॉप्स में बदलाव और कुछ ट्रेनें अन्य स्टेशनों पर समाप्त हो रही हैं।
रिकॉर्ड संख्या में ट्रेनें
महाकुंभ के दौरान भारतीय रेलवे 29 जनवरी को एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है। 29 जनवरी को रेलवे 360 ट्रेनों का संचालन करेगा, जो भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया कीर्तिमान होगा। यह आंकड़ा अब तक के सबसे अधिक ट्रेन संचालन का प्रतीक बनेगा।
साथ ही, रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त रेक की व्यवस्था की है, जिससे ट्रेनों की संख्या और बढ़ाई जा सके। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए रेलवे ने आरपीएफ कर्मचारियों की तैनाती की है। इसके अलावा, रंग कोडित टिकट प्रणाली और स्टेशनों पर अतिरिक्त होल्डिंग क्षेत्रों की व्यवस्था की गई है, ताकि भारी भीड़ के बावजूद श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
भारतीय रेलवे की मजबूत तैयारी
महाकुंभ 2025 में भारतीय रेलवे की यह पहल न केवल यात्रियों की यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि यह रेलवे की प्रबंधन क्षमता और तकनीकी दक्षता को भी प्रदर्शित करती है। रेलवे ने इस महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं और यह सुनिश्चित किया है कि लाखों श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के अपने पवित्र स्थल तक पहुंच सकें।
इस प्रकार, महाकुंभ 2025 में भारतीय रेलवे का योगदान श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक अनुभव साबित होगा और यह भारतीय रेलवे की मजबूत कार्यक्षमता और श्रद्धालुओं के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करेगा।
मौनी अमावस्या पर 1000 अतिरिक्त बसें चलेंगी
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने मौनी अमावस्या पर्व पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 1000 अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला किया है। इससे पहले परिवहन निगम ने मौनी अमावस्या पर 7000 बसों के संचालन की योजना बनाई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिक संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए अतिरिक्त बसों के संचालन के निर्देश दिए हैं।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि प्रयागराज में बने 9 अस्थाई बस स्टेशनों पर यात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं। इसमें रुकने, कंबल, चाय आदि की व्यवस्था शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने बसों में फर्स्ट एड, फायर सेफ्टी डिवाइस की व्यवस्था सुदृढ़ रखने और एंबुलेंस व क्रेन की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं।
परिवहन मंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अस्थाई बस स्टेशनों पर ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से चले, इसके लिए एक प्लान तैयार किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा है कि जिनके रहने की व्यवस्था नहीं हो, उन्हें अस्थाई बस स्टेशनों पर रुकने की व्यवस्था की जाए।
बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान होगा। मौनी अमावस्या के महा स्नान को लेकर एक तरफ जहां प्रयागराज में विशेष इंतजाम किए गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ भारतीय रेलवे भी श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर हाई अलर्ट मोड पर है।