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Jharkhand : छोटे अधिकारियों की गलत रिपोर्ट के कारण अब तक लंबित था Dhalbhumgarh एयरपोर्ट : सांसद

by Birendra Ojha
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  • स्थानीय अधिकारियों ने प्रस्तावित एयरपोर्ट के एलिफेंट कारिडोर होने तथा 32 हजार पेड़ काटने की रिपोर्ट देकर मामले को उलझाया


जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर से सांसद बिद्युत बरण महतो ने कहा कि धालभूमगढ़ एयरपोर्ट जल्द शुरू होगा। इसके लिए काम शुरू हो गया है। अब तक एयरपोर्ट शुरू नहीं होने का मुख्य कारण छोटे अधिकारियों द्वारा गलत रिपोर्ट देना रहा। स्थानीय अधिकारियों ने रिपोर्ट दी है कि जहां एयरपोर्ट बन रहा है, वह एलीफैंट कॉरिडोर है, जबकि प्रस्तावित एयरपोर्ट से एलीफैंट कॉरिडोर 65 किलोमीटर दूर है। स्थानीय अधिकारियों ने यह भी रिपोर्ट दी कि प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए 32 हजार पेड़ काटने पड़ेंगे, जबकि वहां सिर्फ ठूंठ बांस हैं, जिसे सरकार पेड़ नहीं मानती है। अधिकारियों के इन सभी आब्जेक्शन को दूर कर दिया गया है।

इसके साथ ही केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय व वन विभाग व राज्य सराकर के दोनों विभागों के अधिकारियों की टीम बनाकर एयरपोर्ट शुरू करने की पहल नए सिरे से की गई है। उम्मीद है जल्द ही यह पहल रंग लाएगी और जमशेदपुर में एयरपोर्ट का सपना साकार होगा। वे रविवार की दोपहर साकची के बाराद्वारी में एक पैथोलॉजी लैब के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।


सांसद ने कहा कि पिछले दिनों वे नागरिक उड्डयन मंत्री से एक निजी कार्यक्रम के दौरान मिले थे। इस दौरान उन्होंने प्रस्तावित एयरपोर्ट की वस्तुस्थिति से अवगत कराया, तो उन्होंने आश्वस्त किया कि जो भी समस्या है, उसका समाधान केंद्र व राज्य सरकार की टीम संयुक्त बैठक कर करेगी और अगले तीन-चार महीने में एयरपोर्ट का निर्माण शुरू हो जाएगा। सांसद ने कहा कि कुछ लोगों ने धालभूमगढ़ की बजाय आदित्यपुर में एयरपोर्ट बनाने की मांग की है, जो अनुचित है। चूंकि एयरपोर्ट के लिए 450 एकड़ जमीन की जरुरत है, जबकि आदित्यपुर में इतनी जमीन एक साथ उपलब्ध नहीं है। जो जमीन है वह एससी, एसटी, वन विभाग की है, जिससे योजना लटक सकती है। इसलिए आदित्यपुर में एयरपोर्ट बनाना संभव नहीं है।

सांसद ने कहा कि जमशेदपुर में एयरपोर्ट बनाने के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री भी सकारात्मक रुख अपना रहे हैं और सभी तरह से सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में अब एयरपोर्ट का सपना साकार होने में बहुत देर नही होगी। सांसद ने कहा कि धालभूमगढ़ का एयरपोर्ट बेहतर एयरपोर्ट साबित होगा, क्योंकि यह चार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को जोड़ेगा, जो रांची से बेहतर है। अभी रांची एयरपोर्ट से जितनी फ्लाइट होती है, उसके हर फ्लाइट में जमशेदपुर के लोगों की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत रहती है। वहीं आसपास के लोगों के जोड़ने से धालभूमगढ़ का एयरपोर्ट पैसेंजर व कनेक्टीविटी के मामले में रांची से बेहतर साबित होगा।

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