जमशेदपुर: उलीडीह थाना क्षेत्र के खड़िया बस्ती में शनिवार को हुए ननकू हत्याकांड का खुलासा करने में पुलिस जुट गई है। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की शाम 6:00 बजे जब घर से ननकू निकला था तो उसके साथ इसका एक जिगरी साथी भी मौजूद था। यह साथी उसके साथ काम भी करता है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि अगर इससे पूछताछ की जाए तो वह बता सकता है की हत्या के गहरे राज क्या हैं। परिजनों का कहना है कि ननकू घर से निकलने के बाद कहां गया, किससे मिला इस बारे में उसका साथी सही जानकारी दे सकता है। घटना के बाद से उसका साथी कहां है किसी को नहीं पता। ननकू के परिवार के लोग उसके घर गए थे तो मालूम हुआ कि वह घर पर नहीं है।
गौरतलब है कि शनिवार की सुबह उलीडीह के खड़िया बस्ती के रहने वाले कारपेंटर ननकू का शव उसके घर के पीछे खेत में पड़ा मिला था। उसे गोली मारी गई है। एक गोली सर पर लगी है, जिसकी वजह से ननकू लाल की मौत हुई। ननकू के पास पर्स में रुपए भी थे। यह रुपए गायब हैं। उसका मोबाइल फोन भी नहीं मिला था। पुलिस ने घटनास्थल से मोबाइल के पीछे का कवर बरामद किया था। लेकिन बाद में मोहल्ले के कुछ लड़कों को उसका मोबाइल मिल गया है।
परिजनों का कहना है कि इस मोबाइल के जरिए यह पता चल सकता है कि ननकू की हत्या कितने बजे हुई। उसको किसी ने फोन कर बुलाया। पुलिस ननकू के मोबाइल का कॉल डिटेल निकालने की कवायद में जुड़ गई हैननकू के पिता गुन्नू लाल ने बताया कि ननकू काम से लौटने के बाद शाम लगभग 6:00 बजे घर से निकला था। मोहल्ले में ही शादी की पार्टी थी। परिवार के अन्य लोग शादी पार्टी में गए थे। रात 8:30 बजे जब परिवार के लोग शादी पार्टी से लौटे तो उन्होंने ननकू को फोन किया। लेकिन, उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद रात 12:30 के करीब दोबारा फोन लगाया गया। तब भी ननकू लाल ने फोन नहीं उठाया। परिजनों को लगा कि शायद ननकू शादी पार्टी में ही है। इसीलिए फोन नहीं उठा रहा है। लेकिन सुबह जब उसकी हत्या की सूचना मिली तो पूरा परिवार गहरे सदमे में चला गया
पुलिस कार्रवाई कर देती तो शायद ननकू बच जाता

ननकू के परिवार के लोगों का कहना है कि मोहल्ले के ही कुछ दबंग युवकों ने उसके साथ मारपीट की थी। ननकू की मां और भाभी पर भी हमला किया था। ननकू की मां मामले की शिकायत लेकर उलीडीह थाने गई थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। उल्टे ननकू की मां रेखा देवी को डांट डपट कर भगा दिया था। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने तब आरोपियों पर कार्रवाई कर देती दी होती। तो शायद उनकी हिम्मत इस घटना को अंजाम देने की नहीं होती। ननकू आज जिंदा होता।
बुढ़ापे का सहारा था ननकू
घटना के बारे में पूछने पर ननकू के पिता गुन्नू लाल रोने लगते हैं। वह कहते हैं कि हम इस बारे में कुछ नहीं बता पाएंगे। फिर हौसला जुटा कर कहते हैं कि ननकू उनकी लाठी था। उनका सहारा था। पिछले साल जब वह गंभीर रूप से बीमार थे तो ननकू ने ही किडनी का ऑपरेशन कराया था। घर से शाम को निकलते समय ननकू ने अपने पिता गुन्नू लाल को ₹20 दिए थे और कहा था कि बच्चों को बिस्किट लाकर दे देना। बच्चे ननकू के इंतजार में रहते थे। लेकिन आज ननकू नहीं पहुंचा।उसकी लाश घर पहुंची तो कोहराम मच गया।


