Jamshedpur (Jharkhand) : कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल करने के लिए चल रहे आंदोलन के विरोध में जमशेदपुर में भी आदिवासी समुदाय मुखर होने लगा है। इसी कड़ी में रविवार को बारीडीह स्थित शकुंतला भवन में आदिवासी बचाओ संघर्ष मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें हो, संथाल, मुंडा, उरांव, भूमिज और अन्य आदिवासी समुदायों के पदाधिकारी व सदस्य शामिल हुए।
कुड़मी को ST में शामिल किए जाने का विरोध
बैठक का मुख्य मुद्दा महतो/कुड़मी समुदाय द्वारा ST का दर्जा प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास रहा। वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मांग सीधे तौर पर आदिवासी/जनजातीय समाज की अस्मिता, अस्तित्व एवं संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था के साथ छेड़छाड़ है।
9 अक्टूबर को होगा शांतिपूर्ण प्रदर्शन
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आदिवासी समाज अपने हक और अधिकार को बचाने के लिए आगामी 09 अक्टूबर को जिला उपायुक्त (DC) कार्यालय, जमशेदपुर के समक्ष एक संवैधानिक एवं शांतिपूर्ण तरीक़े से विशाल विरोध प्रदर्शन करेगा। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोगों के शामिल होने की संभावना है।
अधिकार, अस्तित्व व आरक्षण पर संकट की आशंका
वक्ताओं ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि महतो/कुड़मी समुदाय को आदिवासी/जनजातीय सूची में शामिल किया गया, तो आदिवासी समाज के अधिकार, आरक्षण एवं अस्तित्व गंभीर संकट में पड़ जाएंगे। बैठक में दिनकर कच्छप, मार्शल मुर्मू, सुरा बिरुली, रवि सवैयां, सीमा कच्छप, राजश्री नाग, उपेन्द्र बानरा, बुधराम उरांव, प्रेम सामाड, मनोज मेलगांडी, बिंदु पहना, दिनबंधु सिंह सरदार, गंगाधर मुंडा, पापु संख, अखिल कच्छप, सुनील मुर्मू, विशाल बासके, सन्नी सामड, पापु सांडील, राजू खलखो समेत कई पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।