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Jharkhand 4G e-PoS machines : झारखंड में PDS डीलरों को मिलेगी 2G मुक्ति, पांच लाख से अधिक लोगों को मिलेगा राशन कार्ड

by Anand Mishra
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जामताड़ा : झारखंड में खाद्य आपूर्ति की प्रक्रिया में होने वाली परेशानियों से जल्द ही राहत मिलने वाली है। प्रदेश में संचालित 2G नेटवर्क से जुड़ी ई-पोएस मशीनों में होने वाली दिक्कतों को समाप्त करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने 4G ई-पोएस मशीनों की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के निर्देश पर विभाग ने निविदा जारी करने की तैयारी की है, और जनवरी के अंत तक लाखों कार्डधारियों को इसका लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है।

2G से मुक्ति, 4G नेटवर्क पर होगा राशन वितरण

खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में कुल 67,74,144 राशन कार्डधारी हैं। इनमें गुलाबी कार्डधारियों की संख्या 52,14,345, अंत्योदय कार्डधारी 8,92,247 और ग्रीन कार्डधारियों की संख्या 6,67,552 है। 2G नेटवर्क से जुड़ी मशीनों में बार-बार होने वाली परेशानी के कारण लाखों राशन कार्डधारी प्रभावित होते थे, लेकिन अब 4G नेटवर्क से संचालित नई मशीनों के आने से राशन वितरण में बड़ी आसानी होगी। मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि यह पहल झारखंड में राशन वितरण की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाएगी।

5 लाख नए कार्डधारी जुड़ेंगे

मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के लाखों लोग राशन कार्ड से वंचित हैं या उनके कार्ड का नाम काटा गया है। नए साल में लगभग 5.5 लाख नए लोगों को राशन कार्ड मिलेगा, जिससे उन्हें खाद्यान्न की आपूर्ति में आसानी होगी। इस प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा किया जा रहा है।

प्रदेश के लाभुकों की संख्या

झारखंड में राशन कार्डधारियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। जामताड़ा जिले में 1,34,930 गुलाबी कार्डधारी, 17,890 अंत्योदय कार्डधारी और 1,865 ग्रीन कार्डधारी हैं। अन्य जिलों में भी राशन कार्डधारी परिवारों की संख्या काफी अधिक है। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि प्रदेशभर में कुल 61,09,247 पीएच कार्डधारी हैं।

मंत्री की ओर से एक और महत्वपूर्ण कदम

मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि जनवरी के अंत तक राशन वितरण की प्रक्रिया को बहुत ही सहज बना दिया जाएगा। नए फोर-जी ई-पोएस मशीनों के संचालन से लाभुकों को राहत मिलेगी। साथ ही, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया है कि खाद्यान्न वितरण में और अधिक सहयोग प्रदान किया जाए ताकि प्रदेश के गरीब और पिछड़े वर्गों को पोषक आहार की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

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