चाईबासा। कांग्रेस द्वारा आयोजित संविधान बचाओ रैली महज एक दिखावा है। असलियत यह है कि यह वही दल है जो सत्ता में आते ही संविधान की आत्मा को कुचलने में लग जाता है। उक्त बातें भाजपा के जिला प्रवक्ता जितेंद्र नाथ ओझा ने कहीं। ओझा ने कहा कि महागठबंधन की सरकार ने झारखंड की जनता के संवैधानिक अधिकारों का सुनियोजित उल्लंघन किया है और इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहा है आम नागरिक।
धर्मांतरण के जरिए आदिवासी अस्मिता पर हो रहे हमले
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जिला प्रवक्ता ओझा ने कहा, कि आदिवासियों की अस्मिता पर धर्मांतरण के ज़रिए खुला हमला हो रहा है, उनकी पहचान मिटाने की साजिश चल रही है। बेरोजगारी चरम पर है। युवा पलायन को मजबूर हैं क्योंकि राज्य में न नौकरी है, न उद्योग, न भविष्य।
परीक्षा, ट्रांसफर-पोस्टिंग या सरकारी ठेके, हर जगह दलाली
ओझा ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार बेलगाम है CGL परीक्षा हो, ट्रांसफर-पोस्टिंग या सरकारी ठेके, हर जगह दलाली हावी है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ से जनसंख्या का असंतुलन बढ़ रहा है, सुरक्षा खतरे में है। ईचा-खरकाई डैम को लेकर जनता से किया गया वादा तोड़ा गया। विस्थापितों की आवाज़ को दबाया जा रहा है।
नशे में झोंके जा रहे हैं आदिवासी युवा
उन्होंने कहा कि बंद खदानें और निष्क्रिय पड़ी केंद्रीय योजनाएं रोजगार के संवैधानिक अधिकार को खत्म कर रही हैं। पर्यटन के नाम पर स्थानीय संस्कृति पर प्रहार हो रहा है, ग्राम्य जीवन और पंचायती अधिकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है। पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन कर ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम शराब की बिक्री से आदिवासी युवा नशे में झोंके जा रहे हैं।
झारखंडी युवाओं के भविष्य के प्रति जताई आशंका
भाजपा के जिला प्रवक्ता ने कहा कि सरना स्थलों और मरांग बुरु जैसे धार्मिक स्थलों पर हमलों पर सरकार की चुप्पी क्या दर्शाती है? स्थानीय नीति लागू नहीं हो रही झारखंडी युवाओं का भविष्य अंधेरे में धकेला जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी सरकार के पाखंड को झारखंड की जनता पहचान चुकी है। घोटालों, घुसपैठ, नशे और अपसंस्कृति की सरकार अब संविधान बचाने की बात कर रही है, यह विडंबना नहीं, धोखा है। इसलिए संविधान की रक्षा अब सत्ता से नहीं बल्कि जनता के वोट से होगी। जो संविधान को छलते हैं, उन्हें झारखंड की जनता कभी माफ़ नहीं करेगी।