पलामू: जिले में स्टोन क्रशर, माइंस और अन्य परियोजनाओं से लेवी वसूलने वाले संगठित आपराधिक गिरोह का पलामू पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। चलाए गए विशेष सर्च ऑपरेशन में पांच कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके पास से अवैध हथियार और आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की है।
जेल में हुई थी मुलाकात, वहीं बना गिरोह
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अपराधियों की पहचान विकास उरांव, मोहम्मद याद अली, सकेंद्र उरांव, पंचम सिंह ठाकुर और जमशेद आलम के रूप में हुई है। ये सभी पलामू के छतरपुर, मुनकेरी और कउवल क्षेत्रों के रहने वाले हैं। गिरोह की नींव जेल के भीतर रखी गई थी, जहां सभी की मुलाकात हुई थी। इसके बाद इन अपराधियों ने एक नया आपराधिक संगठन खड़ा किया और नक्सल प्रभावित इलाकों में सक्रिय होकर रंगदारी वसूली शुरू की।
छतरपुर में हाईवा जलाने की घटना से हुआ खुलासा
इस गिरोह की सक्रियता का अंदाजा 28 मई को छतरपुर थाना क्षेत्र के जौरा माइंस रोड पर दो हाईवा वाहनों को जलाए जाने की घटना से हुआ। इसके बाद पुलिस ने एक व्यापक जांच और सघन छापेमारी अभियान शुरू किया, जिसमें गिरोह का खुलासा हुआ।
बिहार के अपराधियों से भी था संपर्क, टीएसपीसी से कनेक्शन
एसपी रीष्मा रमेशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में से सकेंद्र उरांव पूर्व में टीएसपीसी का सदस्य रह चुका है, जबकि पंचम सिंह ठाकुर भी कई आपराधिक मामलों में जेल जा चुका है। गिरोह में बिहार के अपराधियों की सक्रिय भागीदारी भी पाई गई है।
लेवी देने वालों पर भी होगी सख्त कार्रवाई: एसपी
एसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस को रंगदारी देने वालों की भी सूची मिली है। जांच में जिन लोगों ने अपराधियों को लेवी दी है, उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी कुछ लोगों ने पुलिस को सहयोग किया है, जबकि कुछ ने जांच में बाधा पहुंचाई, जिसके आधार पर अगली कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।
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