Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के कोल्हान प्रमंडल स्थित जमशेदपुर में प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में शनिवार को दिल दहलाने वाली घटना हुई। अस्पताल के मेडिसिनल वार्ड के तीसरे तल्ले के बरामदे की जर्जर छत गिर गई। यह दूसरे तल्ले की छत को तोड़ते हुए पहले तल्ले पर आ गई। इस घटना में तीसरे तल्ले के बरामदे में रह रहे चार मरीज छत व बेड समेत नीचे गिर कर मलबे में दब गए।

सूचना पाकर धालभूम एसडीओ घटनास्थल पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया गया। हालांकि घटना दोपहर करीब 2:15 बजे की बताई जाती है। भाजपा नेता विमल बैठा एवं अन्य ने अथक प्रयास कर दो शाम 4:00 बजे तक गंभीर हालत में दो मरीजों को निकला। उसके बाद से जिला प्रशासन की टीम राहत कार्य में जुटी है। एमजीएम घटना में अभी तक दो की मौत होने की पुष्टि हुई है। इसमें गोविंदपुर स्थित गदरा निवासी लुकास साइमन तिर्की और साकची स्टेट माइल रोड निवासी डेविड जोनसन का नाम शामिल है। वहीं, सरायकेला निवासी श्रीचंद तांती अब भी मलबा में फंसे हुआ है। उन्हें निकालने का कार्य चल रहा है। जबकि इनकी मां रेणुका देवी को टीएमएच में भर्ती कराया गया है। उनका स्थिति भी गंभीर बताया जा रहा है।

बताया जाता है कि ये मरीज कई दिनों से यहां रह रहे थे। इन्हें देखने वाला कोई नहीं था। अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ नकुल चौधरी ने बताया कि अभी दो मरीजों को इमरजेंसी में ले जाया गया है, उनमें एक पुरुष व एक महिला है। दोनों का इलाज चल रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि अस्पताल भवन जर्जर है। लेकिन इसकी जिम्मेदारी भवन निर्माण विभाग की है।
घटना की जानकारी पाकर जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय और पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि अस्पताल भवन की जर्जर हालत लम्बे समय से बनी हुई है। सरयू राय ने कहा कि पूर्व स्वस्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता यहां के विधायक भी रहे। मौजूदा स्वस्थ्य मंत्री इरफ़ान अंसारी ने भी अस्पताल का निरिक्षण किया, बावजूद अस्पताल की हालत पर गंभीता नहीं दिखी। उन्होंने कहा कि यह समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं, बल्कि संवेदना का है। अभी भी शासन-प्रशासन इसके प्रति गंभीता दिखाए और जनकल्याण की भावना से काम करे।