रांची। झारखंड के नागपुरी भाषा के प्रसिद्ध लोक गायक महावीर नायक को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। पद्मश्री मिलने के बाद महावीर नायक ने कहा, “यह सम्मान केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व की बात है।”
कलाकारों को सम्मान मिलना झारखंड के लिए शुभ संकेत: महावीर नायक
महावीर नायक ने सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा, “यह अच्छी बात है कि आज कलाकारों को भी सम्मान मिल रहा है। इससे हमारा मनोबल बढ़ता है और हमारी जिम्मेदारियां भी। पद्मश्री केवल मेरा नहीं, झारखंड की मिट्टी, भाषा और संस्कृति का सम्मान है।”
उन्होंने बताया कि इस साल कुल 62 लोगों को पद्म पुरस्कार मिला, जिनमें कवि, साहित्यकार, गायक और अन्य क्षेत्रों के प्रतिभाशाली लोग शामिल हैं।
पुरस्कार के साथ जुड़ी एक नई जिम्मेदारी भी
“हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें भी पद्मश्री मिलेगा। लेकिन जब इसकी घोषणा हुई और यह सम्मान मिला, तो यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण बन गया।” महावीर नायक ने कहा कि इस पुरस्कार के साथ एक नई जिम्मेदारी भी जुड़ी है।
भाषा-संस्कृति को समर्पित रहेगा मेरा अगला कदम- नायक
झारखंड की भाषा, संस्कृति और पारंपरिक गीत-संगीत को आगे बढ़ाने के लिए अभी बहुत काम बाकी है। “मेरा अगला कदम भाषा-संस्कृति को समर्पित रहेगा। मैं इस जिम्मेदारी को पूरे समर्पण के साथ निभाऊंगा।” उन्होंने कहा कि झारखंड में कई और प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जिन्हें उचित मार्गदर्शन और जानकारी की आवश्यकता है। अगर उन्हें सही दिशा मिले, तो वे भी अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंच सकते हैं।”
29 मई को रांची लौटेंगे पद्मश्री महावीर नायक
महावीर नायक फिलहाल दिल्ली में हैं और 29 मई को रांची लौटेंगे। उन्होंने बताया कि 28 मई को उनका राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पुस्तकालय सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को देखने का कार्यक्रम है। इस अवसर पर उनके साथ दामाद अमित कुमार भी दिल्ली में मौजूद हैं।
नागपुरी संस्कृति के लिए एक ऐतिहासिक क्षण
महावीर नायक को पद्मश्री मिलने की खबर जैसे ही झारखंड पहुंची, पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गई। नागपुरी के जाने-माने शिक्षक और कलाकार डॉ. बीरेंद्र कुमार महतो सहित कई लोगों ने उन्हें बधाई दी और इसे नागपुरी संस्कृति के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया।

