जमशेदपुर : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद झारखंड भाजपा में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। इस घटनाक्रम ने झारखंड की राजनीति में नई अटकलों को जन्म दिया है। रघुवर दास फिलहाल ओडिशा के पुरी में हैं, जहां वह भगवान जगन्नाथ के दर्शन करेंगे। दो दिन बाद उनके झारखंड लौटने की संभावना है।
मंत्री संजय यादव ने कहा-झारखंड में कोई असर नहीं
झारखंड के श्रम सह उद्योग मंत्री संजय यादव ने रघुवर दास के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “रघुवर दास के झारखंड की राजनीति में सक्रिय होने से कुछ भी बदलने वाला नहीं है। उनका इस्तीफा झारखंड में कोई असर नहीं डालेगा।” संजय यादव ने यह बयान बुधवार को जमशेदपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए दिया। उन्होंने रघुवर दास के इस्तीफे के कारणों को लेकर कहा कि इसका जवाब खुद रघुवर दास ही दे सकते हैं।
उद्योग और श्रम विभाग की समीक्षा
मंत्री संजय यादव ने जमशेदपुर में सर्किट हाउस में श्रम और उद्योग विभाग के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्य बिंदु
- उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल: मंत्री ने निर्देश दिया कि झारखंड में उद्योग और उद्यमियों के लिए बेहतर माहौल तैयार किया जाए ताकि रोजगार के अवसर बढ़ें।
- पलायन पर रोक: झारखंड से पलायन रोकने के लिए ठोस कदम उठाने और युवाओं के लिए राज्य में रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
- बाल श्रम पर कार्रवाई: बाल श्रम रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही।
- श्रम विभाग की योजनाओं की शुरुआत
- बैठक के बाद मंत्री संजय यादव ने श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं को हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की। इन योजनाओं का उद्देश्य श्रमिकों और उद्यमियों के लिए सुविधाजनक माहौल बनाना और राज्य के आर्थिक विकास को गति देना है।
राजनीतिक हलचल और भविष्य की रणनीति
रघुवर दास के झारखंड लौटने और उनकी राजनीति में सक्रियता को लेकर भाजपा के भीतर और बाहर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, मंत्री संजय यादव के अनुसार, उनकी वापसी का झारखंड की वर्तमान राजनीति पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड की राजनीति में यह घटनाक्रम क्या मोड़ लाता है।

