Ranchi : झारखंड में शराब घोटाले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई अब ज़ोर पकड़ चुकी है। दिल्ली में की गई ताजा छापेमारी में ACB की टीम ने नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के संचालक विनय सिंह के ठिकानों को खंगाला है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विनय सिंह को हिरासत में लिया गया है, हालांकि इस संबंध में ACB की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
रांची स्थित ACB की विशेष अदालत से 9 जून को ही विनय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, जिसके बाद से उनकी तलाश की जा रही थी। विनय सिंह पर आरोप है कि उन्होंने शराब घोटाले में गिरफ्तार किए जा चुके झारखंड राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पूर्व महाप्रबंधक और उत्पाद विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे की अवैध कमाई को विभिन्न माध्यमों में निवेश किया।
इसी कड़ी में ACB ने छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसी ‘सुमित फैसिलिटी’ से जुड़े सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट लिया है। उन पर ACB के बार-बार समन भेजने के बावजूद पूछताछ में शामिल नहीं होने का आरोप है। सिद्धार्थ को 2022 में लागू हुई उत्पाद नीति के बाद झारखंड में मैनपावर सप्लाई का ठेका मिला था। माना जा रहा है कि इसमें तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे की भूमिका रही।ACB के मुताबिक, झारखंड में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर शराब की खुदरा बिक्री का तंत्र खड़ा किया गया था, जिसे साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।
सिद्धार्थ सिंघानिया पर इस मॉडल को लागू कराने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। एक वर्ष के भीतर ही छत्तीसगढ़ की एजेंसियों को अनियमितताओं के चलते हटा दिया गया था।ACB ने सिद्धार्थ सिंघानिया के साथ-साथ भोपाल के मनीष जैन, राजीव द्विवेदी, पुणे के अजीत जयसिंह राव, अमित प्रभाकर सोलंकी और सुनील कुंभकर को भी नोटिस भेजा था, लेकिन इनमें से कोई भी पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुआ।ACB को उम्मीद है कि करीब 38 करोड़ रुपये के इस शराब घोटाले की परतें सिद्धार्थ सिंघानिया से पूछताछ के बाद और खुलेंगी। इसलिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।