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Jharkhand State Pharmacy Council में भ्रष्टाचार का आरोप, JLKM ने राज्यपाल से की शिकायत, कार्रवाई की मांग

by Anand Mishra
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Ranchi (Jharkhand) : झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) ने झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर रविवार को राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। जेएलकेएम के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को छह सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।

झारखंड राज्य लूट के लिए नहीं बना है : देवेंद्र नाथ महतो

देवेंद्र नाथ महतो ने राज्यपाल से स्पष्ट शब्दों में कहा कि “झारखंड राज्य लूट के लिए नहीं बना है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि फार्मेसी काउंसिल में जिस तरह से भ्रष्टाचार और अनियमितताएं व्याप्त हैं, उन पर अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए। महतो ने यह भी चेतावनी दी कि काउंसिल में हो रहे गंभीर घोटालों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जेएलकेएम ने बताया कि इस मामले में वे पहले भी कदम उठा चुके हैं। विगत 19 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौंपा गया था और 23 जुलाई को काउंसिल के समक्ष धरना दिया गया था। बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

क्या है मांग पत्र में

  • निबंधक प्रशांत कुमार पांडे की जांच के लिए एसआईटी का गठन : ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि उनका कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद वे अभी भी पद पर जमे हुए हैं।
  • फार्मेसी काउंसिल में सिर्फ मूल झारखंडी फार्मासिस्टों को मनोनीत किया जाए।
  • निर्वाचन प्रक्रिया की स्वतंत्र जांच कराना।
  • फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की जांच करना। एवं अन्य दो मांगें शामिल हैं।

देवेंद्र नाथ महतो ने बताया कि जेएलकेएम प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद राज्यपाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। महतो ने यह भी बताया कि ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, एंटी करप्शन ब्यूरो और सेंट्रल विजिलेंस कमीशन को भी भेजी गई है ताकि इस मामले में व्यापक और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके।

राज्यपाल से मुलाकात से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में रविन्द्र नाथ महतो, लक्की रामू राज, गुलाम सरवर, विनय कुमार, आशीष चौधरी और पंकज कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे। यह देखना बाकी है कि राज्यपाल के आश्वासन के बाद इस मामले में क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।

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