Ranchi : आर माधवन की एक फिल्म आई थी ”हिसाब बराबर”। इस फिल्म में टीटीई राधे मोहन शर्मा के खाते से 27 रुपये 50 पैसे कट जाते हैं। राधे मोहन शर्मा हिसाब-किताब के पक्के हैं। फौरन, ताड़ लेते हैं कि उनके अकाउंट से पैसे कटे हैं। वह बैंक जाकर हंगामा करते हैं और खाते में पैसे वापस ले लेते हैं। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के इस दौर में अक्सर बैंक अकाउंट से छोटी-मोटी रकम उड़ा ली जाती है और लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग पाती। क्योंकि, हर कोई हिसाब बराबर का टीटीई राधे मोहन शर्मा नहीं है।
इसी तरह, नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा लोगों के फास्टैग वॉलेट से रकम उड़ा रहे हैं। घर पर खड़े वाहन के मालिकों के फास्टैग वॉलेट से रकम की कटौती हो रही है। जो लोग अपना वॉलेट चेक कर लेते हैं और बैंक व एनएचएआई के हेल्पलाइन में फोन कर शिकायत करते हैं। उनका पैसा तो वापस कर दिया जाता है। मगर, जो लोग फर्जी कटौती की बात जान ही नहीं पाते उनकी रकम हजम कर ली जाती है। ऐसा एक-दो लोगों के साथ नहीं हजारों के साथ हो रहा है। जो जान गए तो शिकायत कर पैसे वापस ले लिए। बाकी की रकम एनएचएआई के खाते में ही रह जाती है। इस तरह, यह फर्जीवाड़े का लंबा का खेल है।
बिष्टुपुर में खड़ी थी गाड़ी, चांडिल टोल प्लाजा ने काट लिया टैक्स
जमशेदपुर के बिष्टुपुर में एक स्कूल की शिक्षिका कल्पना कुमारी कुछ दिन पहले बिहार गई थीं। जब वह बिहार से लौट रही थीं तो 11 मई को चांडिल में पाटा टोल प्लाजा पर उनके फास्टैग वॉलेट से टोल टैक्स कटा था। इसके बाद वह बाहर कहीं नहीं गईं। कल्पना कुमारी ने बताया कि उनकी गाड़ी बिष्टुपुर में उनके आवास पर खड़ी थी। बुधवार 11 जून को उनके फास्टटैग वॉलेट से 25 रुपये कट गए। टोल प्लाजा क्रॉस करने पर जैसे ही फास्टैग वॉलेट से पैसे की कटौती होती है वैसे ही मोबाइल पर मैसेज भी आ जाता है। लेकिन, इस फर्जी कटौती वाले मामले में वॉलेट से ट्रांजैक्शन सुबह हुआ। लेकिन मैसेज रात लगभग 9:30 बजे आया। जब कल्पना ने देखा तो उन्हें लगा कि इसकी शिकायत करनी चाहिए। कल्पना कुमारी कहती हैं कि उनके अकाउंट से कटी रकम अधिक नहीं थी मगर, इसी तरह, अगर हजारों लोगों के अकाउंट से छोटी रकम कटती है तो यह एक बड़ा घोटाला है। इसीलिए, कल्पना ने मामले की शिकायत एनएचएआई और आइडीएफसी बैंक से कर दी है। हालांकि, अब तक उनका पैसा वापस नहीं आया है। मगर, अधिकारियों ने कहा है कि उनकी रकम खाते में वापस कर दी जाएगी।
सोनारी में खड़ी थी गाड़ी, हजारीबाग टोल प्लाजा से फर्जी कटौती
इसी तरह कोल्हान यूनिवर्सिटी के ओएसडी डॉ प्रभात कुमार की गाड़ी सोनारी में उनके आवास पर खड़ी थी। लेकिन, हजारीबाग के धमना टोल प्लाजा से उनका 146 रुपया टोल टैक्स फास्टैग वॉलेट से कट गया। डॉक्टर प्रभात कुमार को जब इस कटौती का पता चला तो उन्होंने जीपीएस से अपने गाड़ी की लोकेशन वाली फोटो लेकर फौरन एनएचएआई के पोर्टल पर अपलोड की और मामले की शिकायत की। तब जाकर उनका पैसा काफी जद्दोजहद के बाद वापस किया गया।
टोल कलेक्टर हैं देखते हैं सिस्टम
फास्ट टैग वॉलेट से कटौती के मामले में एनएचएआई के टोल प्लाजा के टोल कलेक्टर पूरा सिस्टम देखते हैं। टोल प्लाजा का पूरा सिस्टम उन्हीं की निगरानी में होता है। कटौती के दो सिस्टम होते हैं। फास्टैग से सीधे आनलाइन कटौती होती है। या तकनीकी गड़बड़ी पर मैन्युअली वाहन नंबर डाल कर टोल टैक्स वसूल कर लिया जाता है। अब यह जांच का विषय है कि घर पर खड़े वाहनों से आखिर कैसे टोल टैक्स की कटौती कर ली जाती है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। लोगों का कहना है कि अगर यह जानबूझकर हो रहा है तो एनएचएआई को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
फर्जी कटौती पर हेल्पलाइन में करें शिकायत
इस संबंध में जब एनएचएआई के हेल्पलाइन पर बात की गई तो वहां बैठी महिला अधिकारी ने बताया कि ऐसा तकनीकी गड़बड़ी की वजह से होता है। हालांकि, वह यह नहीं बता पाईं कि किस तकनीकी गड़बड़ी से रकम खाते से कट जाती है। उनका कहना है कि अगर किसी के साथ ऐसा हो तो वह मामले की शिकायत एनएचएआई की हेल्पलाइन 1033 से करे। [email protected] पर ईमेल के जरिए भी शिकायत की जा सकती है। उसके पैसे वापस दे दिए जाएंगे।
कोट
कभी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से फास्ट टैग वॉलेट से पैसे कट जाते हैं। मामले की जांच कराई जाएगी। जिस टोल प्लाजा से पैसे कट रहे हैं, जांच होगी कि ऐसा क्यों हो रहा है। कार्रवाई की जाएगी। जिनके पैसे कटे हैं वह एनएचएआई के ईमेल पते पर [email protected] ईमेल करें। उनके पैसे वापस दिलाए जाएंगे।