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Jharkhand tourism : पिकनिक के मौसम में यहां ग्रामीणों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

by The Photon News
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खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले में जैसे ही पिकनिक का मौसम आता है, यहां के पर्यटन स्थलों के आसपास रहने वाले ग्रामीणों के चेहरे खिलने लगते हैं। नवंबर से लेकर फरवरी तक, जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे पेरवांघाघ, पंचघाघ, सप्तधारा, रानी फॉल, पांडूपुड़िंग, चंचला घाघ, और बाघलता में सैलानियों की भीड़ जुटने लगती है। भारी संख्या में पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलते हैं, और इन पर्यटन स्थलों के आसपास रहने वाले ग्रामीणों के लिए यह मौसम एक आर्थिक समृद्धि लेकर आता है।

स्थानीय व्यापारियों के लिए अच्छा अवसर

इस पिकनिक मौसम में, खूंटी जिले के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर स्थानीय ग्रामीण सुबह से शाम तक अपनी दुकानों का संचालन करते हैं। इन दुकानों में गुलगुला, चाय, पकौड़ी, मुरही, चाट मसाला, गोलगप्पे, चिकन, मटन, इडली, मड़ुवा रोटी, हस्तशिल्प, और अन्य आवश्यक सामान बिकते हैं। पेरवांघाघ जलप्रपात में चने की दुकान लगाने वाली फिलोमिना टोपनो ने बताया, “धनकटी खत्म होने के बाद हमें चार महीने तक अच्छा रोजगार मिलता है। यहां हम अपने परिवार के साथ दुकान लगाते हैं और पूरी मेहनत से काम करते हैं।”

स्थानीय नेताओं का ध्यान आकर्षित करना

वहीं, स्थानीय व्यापारी मरकुस भेंगरा ने बताया कि पिकनिक के मौसम का इंतजार उन्हें पूरे साल रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड को प्रकृति ने अद्भुत पर्यटन स्थल जैसे पेरवांघाघ, पांडुपुड़िंग, सप्तधारा और चंचला घाघ जैसे स्थान दिए हैं। हालांकि, उन्होंने प्रशासन से इन पर्यटन स्थलों के उचित विकास की मांग की ताकि यहां पर्यटकों की संख्या और बढ़ सके और स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकें।

बढ़ती पर्यटकों की संख्या

तोरपा प्रखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल पेरवांघाघ, पांडुपुड़िंग और चंचला घाघ में सैलानियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। खासकर रविवार और छुट्टियों के दिनों में, इन स्थलों पर पर्यटकों की भारी भीड़ होती है। पेरवांघाघ, जो कि खूंटी जिले का प्रमुख जलप्रपात है, हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित है और यह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां बोटिंग की व्यवस्था भी की जाती है, जिसमें पर्यटक लकड़ी के बने अस्थायी बोट में बैठकर जलप्रपात का मजा लेते हैं।

पर्यावरण सुरक्षा और सफाई के प्रयास

खूंटी जिले के पर्यटन स्थलों पर थर्मोकोल का प्रयोग प्रतिबंधित है। पर्यटकों को पत्तों से बने दोने और पत्तल इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पेरवांघाघ में पर्यटकों को गार्बेज बैग निःशुल्क दिए जाते हैं, ताकि वे गंदगी फैलने से बचा सकें। स्थानीय पर्यटन मित्र इंद्र सिंह ने बताया कि इस बार सफाई के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि पर्यावरण की रक्षा की जा सके और इन स्थलों की सुंदरता बनाए रखी जा सके।

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