- जनवरी 2024-अक्टूबर 2024 तक 1400 लोगों को सुला दिया गया मौत की नींद
- स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए आंकड़े
- पुलिस की नाक के नीचे घटनाओं को अंजाम दे रहे अपराधी
- पुलिस की कार्यशाली पर उठ रहे सवाल
रांची : झारखंड में अपराधी बेलगाम हैं। दिन-पर-दिन इनका हौसला बढ़ रहा है। आए दिन नई-नई घटनाएं सामने आ रही हैं। आज हम बात कर रहे हैं, राज्य में होने वाली हत्या की घटनाओं की। झारखंड में हर दिन पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया जा रहा है। जी हां, यहां जनवरी 2024-अक्टूबर 2024 तक 1400 लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया। ये आंकड़े स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार भी कर लेती है।
बता दें कि सबसे ज्यादा हत्याएं जून 2024 में हुई। इस महीने 178 लोगों को मार डाला गया। वहीं, अगस्त में पुलिस की नकेल के बाद घटनाएं कम हुईं। अगस्त 2024 में 108 लोगों की हत्या कर दी गई। लेकिन, अगले महीने अक्टूबर में यह आंकड़ा फिर बढ़कर 148 पर पहुंच गया। अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि अब ये पुलिस को भी नहीं बख्श रहे। राजधानी रांची में स्पेशल ब्रांच में तैनात सब-इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
क्राइम कंट्रोल का दावा, लेकिन पुलिस को चुनौती दे रहे अपराधी
अब झारखंड में बढ़ता अपराध चिंता का विषय बन गया है। पुलिस की क्राइम कंट्रोल की तमाम कोशिशों के बावजूद अपराधी लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। कई बार अपराधी पुलिस की नाक के नीचे घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस दावा करती है कि अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। कोई भी अपराधी बच नहीं सकता। लेकिन, दूसरी तरफ अपराधियों द्वारा किसी नई घटना को अंजाम दे दिया जाता है। हालांकि, पुलिस अपराधियों को पकड़ती जरूर है, जेल भी भेजती है, मगर वही अपराधी सलाखों के पीछे से ही अपराध का साम्राज्य खड़ा कर लेते हैं। हत्या, फिरौती, लूट, अपहरण, रंगदारी जैसी घटनाओं को अपराधी जेल से ही ऑपरेट करते हैं।
पुलिस की साठगांठ से जेल के अंदर पहुंचता है मोबाइल
सूत्र बताते हैं कि जेल के अंदर कारा पुलिस की साठगांठ से ही मोबाइल पहुंचता है। यहां से मोबाइल के जरिए घटना को अंजाम दिलाया जा रहा है। आला अधिकारियों को सूचना मिलने पर जेल में छापेमारी भी होती है, मगर हाथ कुछ नहीं लगता। हाल में ही रांची में कई हत्याएं हुईं, जिसकी साजिश जेल में बंद अपराधियों ने रची थी। राज्य में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जो पुलिस की कार्यशाली पर सवाल खड़ा करती हैं। घटनाओं के बाद कई थानेदारों पर भी गाज गिर चुकी है।
किस महीने कितनी हत्याएं
महीना | घटनाएं |
जनवरी | 141 |
फरवरी | 147 |
मार्च | 146 |
अप्रैल | 146 |
मई | 143 |
जून | 178 |
जुलाई | 125 |
अगस्त | 108 |
सितंबर | 118 |
अक्टूबर | 148 |
कुल | 1400 |
इस साल की तीन प्रमुख घटनाएं
7 जुलाई 2024 : भाजपा नेता व पूर्व पार्षद वेद प्रकाश सिंह की गोली मार की हत्या
7 जुलाई को धुर्वा बस स्टैंड के निकट स्थित चाय की दुकान में अपराधियों ने भाजपा नेता व पूर्व पार्षद वेद प्रकाश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वेद प्रकाश को छाती और गर्दन में गोली लगी थी। पहले उन्हें पारस अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए बाद में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उनकी जान चली गई थी।
2 अगस्त : अधिवक्ता गोपाल कृष्ण की चाकू घोंपकर हत्या
2 अगस्त 2024 को राजधानी के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता गोपाल कृष्ण की चाकू घोंपकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अधिवक्ता गोपाल कृष्ण की हत्या को लेकर वकीलों में काफी गुस्सा है। अपराधियें ने अधिवक्ता के पेट, हाथ और पीठ पर चाकू से हमला कर दिया था। स्थानीय लोगों ने अधिवक्ता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
2 अगस्त : स्पेशल ब्रांच के दरोगा को उतारा मौत के घाट
2 अगस्त 2024 की देर रात 2018 बैच के तेज-तर्रार सब-इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अनुपम स्पेशल ब्रांच में तैनात थे। कांके थाना क्षेत्र के रिंग रोड से अनुपम का शव बरामद किया गया था। अनुपम को दो गोली मारी गई थी। अनुपम की हत्या की सूचना मिलते ही रांची पुलिस में हड़कंप मच गया था।