रांची : रामगढ़ के करमा प्रोजेक्ट में हुए दर्दनाक खदान हादसे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने इस घटना को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा है। मरांडी ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि इस मौत के सिलसिले को अब हर हाल में बंद होना चाहिए और सरकार को हर एक जान का हिसाब देना होगा।
अवैध खदान में दबे होने की आशंका, यह हादसा नहीं हत्या है : मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें आशंका है कि कोयले की अवैध खदान में कई श्रमिक भाई दबे हुए हैं। उन्होंने ईश्वर से उनकी सलामती की प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं है, बल्कि यह हत्या है। मरांडी ने आरोप लगाया कि यह हत्या भ्रष्ट और गैर-जिम्मेदार सरकार की घोर लापरवाही के कारण हुई है, जो दिन के उजाले में चल रहे इस अवैध कारोबार से अपनी आंखें मूंदे बैठी है। उन्होंने सवाल उठाया कि कब तक झारखंड के गरीब अपनी जान इस तरह गंवाते रहेंगे?
बाबूलाल ने कहा-हर मौत के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार
मरांडी ने कहा कि चाहे रामगढ़ हो या धनबाद, हजारीबाग हो या बोकारो, चारों तरफ मौत का यह काला कारोबार फल-फूल रहा है और सरकार दावा करती है कि उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस हर एक जान की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। यह अपराध किसके संरक्षण में हो रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। मरांडी ने आरोप लगाया कि यह सब पुलिस और सरकार के संरक्षण में हो रहा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब राज्य को ही एक अवैध डीजीपी चला रहे हों, तो फिर किसी और से क्या ही पूछा जा सकता है?
बंद खदान को सरकार के संरक्षण में माफिया ने फिर शुरू की : मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) ने इस खदान को पहले ही बंद कर दिया था, लेकिन सरकार के नाक के नीचे माफिया ने इसे फिर से शुरू कर दिया। उन्होंने इसे सरकार की नाकामी बताते हुए कहा कि अगर यह नाकामी नहीं है, तो और क्या है? उन्होंने एक बार फिर इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की और कहा कि यह मौत का सिलसिला अब खत्म होना चाहिए। इस सरकार को हर एक जान का हिसाब देना होगा।
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