जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा (Kolhan University) के कॉन्फ्रेंस हॉल में बुधवार को कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय द्वारा गठित नए आईक्यूएसी सेल की बैठक संपन्न हुई। आइक्यूएसी के को-ऑर्डिनेटर डॉ. रंजीत कुमार कर्ण ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आईक्यूएसी के उद्देश्यों को बताते हुए विश्वविद्यालय के वर्तमान ग्रेड को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। इस दौरान बताया गया कि विश्वविद्यालय को अगला नैक-2027 तक करा लेना आवश्यक है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने अनुभवी शिक्षकों को नैक सदस्यों के रूप में चयनित किया है।
इस बैठक में सभी नवनियुक्त आइक्यूएसी सदस्यों का परिचय सत्र आयोजित किया गया। इसके साथ ही आइक्यूएसी के गतिविधियों को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए सभी सदस्यों को दिशा-निर्देश दिया गया। विश्वविद्यालय (Kolhan University) की कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय को बेहतर ग्रेड दिलाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके लिए सभी सदस्यों को एक हफ्ते के अंदर नैक की कार्यसूची बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नैक के मद्देनजर सभी सदस्यों को जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से प्रदान किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. एके झा ने बताया कि इस अवसर पर सदस्य के रूप में आईपीएस अधिकारी अनिमेष नैथानी भी इस बैठक में उपस्थित रहे। बैठक में प्रॉक्टर डॉ. राजेंद्र भारती, सीसीडीसी डॉ. आरके चौधरी, डीएसडब्ल्यू डॉ. संजय यादव, कुलसचिव डॉ. परशुराम सियाल, डॉ. सुनील मुर्मू, डॉ. नितीश कुमार महतो, डॉ. शोभित रंजन, डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. मगुनी महाकुड़, डॉ. सोमनाथ कर, डॉ. मयंक प्रकाश एवं प्रो. दानगी सोरेन सम्मिलित हुए। सभा का संचालन डॉ. रंजीत कुमार कर्ण ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन छात्र अधिष्ठाता डॉ. संजय यादव ने किया।
Kolhan University : पिछले नैक में बी ग्रेड मिला था
कोल्हान विश्वविद्यालय की बात करें तो अभी विवि को नैक से बी ग्रेड प्राप्त है। लेकिन, नया मूल्यांकन प्रक्रिया नए नियमावली के तहत होगा। इसमें नैक ग्रेडिंग प्रणाली में कई बदलाव हुए हैं, जिनका उद्देश्य मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक कुशल और सटीक बनाना है। मुख्य बदलावों में, मूल्यांकन के लिए बाइनरी सिस्टम का उपयोग, भौतिक निरीक्षण की जगह वर्चुअल निरीक्षण, और संस्थानों को “मान्यता प्राप्त” या “गैर-मान्यता प्राप्त” के रूप में वर्गीकृत करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, नैक ने मूल्यांकनकर्ताओं के कार्यप्रणाली की समीक्षा की है और कुछ को निलंबित या प्रतिबंधित भी किया है।