Latehar (Jharkhand): झारखंड के लातेहार जिले के बालूमाथ वन क्षेत्र में हाथियों के लगातार बढ़ते उत्पात से किसान और ग्रामीण गहरे आतंक में हैं। हाथियों के एक झुंड ने फसलों को रौंदने के साथ-साथ एक बैल को कुचलकर मार डाला, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। स्थिति यह है कि ग्रामीण रात-रात भर जागने (रतजगा) को विवश हैं। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार की रात बालूमाथ थाना क्षेत्र अंतर्गत नगड़ा गाँव में लगभग 12 से 15 की संख्या में हाथियों का झुंड घुस आया था।
हाथियों ने सबसे पहले गांव के हरिश्चंद्र साव, गोवर्धन साव, मनोज प्रसाद, रविंद्र प्रसाद, प्रेम प्रसाद, हेमंत प्रसाद आदि के खेतों में लगी धान की फसल को नष्ट कर दिया। साथ ही खेतों में लगी सब्जियों को भी पूरी तरह रौंद डाला। उत्पात मचाते हुए हाथियों ने जलेश्वर साहू के मुर्गी फार्म को भी तोड़ दिया, जबकि प्रयाग साहू के बैल को कुचलकर मार डाला।
छह महीने में 60 से अधिक ग्रामीण हुए बेघर
भयभीत ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने रात भर पटाखे और मशाल जलाकर हाथियों को गांव से भगाने का प्रयास किया, जिसके बावजूद भारी नुकसान हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग हाथियों को भगाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहा है, जिसके चलते हाथियों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, लातेहार जिले के अन्य इलाकों में भी जंगली हाथियों का आतंक लगातार जारी है। पिछले 6 महीने में 60 से अधिक ग्रामीणों को बेघर कर दिया गया है, वहीं कुछ ग्रामीणों की हाथियों के कुचले जाने से मौत भी हो गई है।
रेंजर ने दिया मुआवजे का आश्वासन
इस मामले में वन विभाग के रेंजर नंदकुमार महतो का कहना है कि विभाग के द्वारा जंगली हाथियों को सुरक्षित जंगल में भगाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई बार हाथी भगाने के लिए एक्सपर्ट टीम को भी लगाया गया, लेकिन हाथी बार-बार इसी इलाके की ओर आ जा रहे हैं। रेंजर महतो ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि उन्हें जो भी नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।