लोहरदगा : लोहरदगा के बलदेव साहू महाविद्यालय के छात्रावास में आदिवासी छात्र संघ द्वारा आयोजित छात्र सभा और जनसुनवाई सभा में झारखंड सरकार के जनजाति कल्याण मंत्री चमरा लिंडा शनिवार को मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। इस अवसर पर मंत्री चमरा लिंडा का भव्य स्वागत किया गया। मंच पर आदिवासी समाज के कई प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे।
सरना धर्म कोड पर जोर
मंत्री चमरा लिंडा ने सभा के दौरान आम लोगों की समस्याएं सुनीं और समाधान के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश भी दिए। सभा में उन्होंने सरना धर्म कोड के मसले को उठाया और इसे लागू करने की मांग केंद्र से की। उन्होंने कहा, “आदिवासियों को अपनी पूजा-पद्धति और धार्मिक पहचान मिलनी चाहिए। केंद्र में आदिवासियों को हिंदू के तहत गिना जाता है, जबकि हमें अपनी अलग धार्मिक पहचान चाहिए।” चमरा लिंडा ने यह भी कहा, “हम लोग वर्ण और जाति व्यवस्था में नहीं आते हैं, हम द्रविड़ हैं। हमें हिंदू-मुसलमान से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन हमारी धार्मिक पहचान को मान्यता मिलनी चाहिए, और हम इसे लेकर रहेंगे।”
छात्रों और कार्यकर्ताओं से संवाद
मंत्री ने छात्रों की समस्याओं को भी सुना और उनके समाधान की दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, और सभा में एक सकारात्मक माहौल बना रहा। बताया जा रहा है कि मंत्री के इस बयान से आदिवासी समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं।

