जमशेदपुर : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। उनके झारखंड दौरे से जुड़ी यादें आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं। डॉ. सिंह ने अपने प्रधानमंत्री रहते हुए कई बार झारखंड का दौरा किया था, जिनमें उनके कार्यकाल के महत्वपूर्ण क्षण और योजनाएं शामिल रही थीं। इनमें विशेष रूप से उनका 2005 में पहला झारखंड दौरा और 2008 में बोकारो के लिए दिया गया तोहफा चर्चा का विषय बना।
2005 में झारखंड दौरा और कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार
2005 में जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार रामाश्रय प्रसाद के लिए प्रचार किया था। इस दौरान वे पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में झारखंड आए थे। जमशेदपुर पूर्वी से कांग्रेस के उम्मीदवार रामाश्रय प्रसाद के लिए उनका समर्थन महत्वपूर्ण माना गया था, क्योंकि जमशेदपुर में सिख समुदाय की बड़ी आबादी है। इसलिए, उन्हें सिख वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बुलाया गया था। इस दौरे के दौरान उनका स्वागत बड़ी धूमधाम से किया गया था और उनका संदेश झारखंड के लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की गई थी।
22 अप्रैल 2008 को जमशेदपुर का दौरा
मनमोहन सिंह ने अपने प्रधानमंत्री रहते हुए 22 अप्रैल 2008 को एक बार फिर झारखंड का दौरा किया। इस बार वे टाटा स्टील के शताब्दी वर्ष के मौके पर जमशेदपुर पहुंचे थे। जमशेदपुर के सोनारी हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, राज्यपाल स्वर्गीय सैयद सिब्ते रजी, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जैसे कई दिग्गज शामिल थे।
मनमोहन सिंह ने इस अवसर पर टाटा स्टील की 100 साल की यात्रा को सलाम करते हुए एक डाक टिकट का अनावरण किया। यह डाक टिकट भारतीय औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा देने में टाटा स्टील की भूमिका और इसके देशभर में किए गए योगदान को सम्मानित करने के लिए जारी किया गया था। इस डाक टिकट को संचार मंत्रालय ने टाटा स्टील की 100 साल की नि:स्वार्थ सेवा की यादगार के रूप में जारी किया था। टाटा स्टील ने देश में औद्योगिक विकास और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई मानक स्थापित किए थे, और यह डाक टिकट उनकी यात्रा का प्रतीक था।
बोकारो में 2008 का ऐतिहासिक दौरा और विकास परियोजना की शुरुआत
मनमोहन सिंह का 2008 में बोकारो का दौरा भी महत्वपूर्ण था। इस दौरान उन्होंने बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) के 11,000 करोड़ रुपये की आधुनिकीकरण और विस्तार परियोजना की आधारशिला रखी। यह परियोजना बोकारो के औद्योगिक विकास में अहम कदम साबित हुई। इस कार्यक्रम में हजारों लोग उपस्थित थे और डॉ. सिंह को गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
इसके साथ ही, उन्होंने बोकारो में चार प्रसिद्ध स्टीलमैन की एक स्मारक का अनावरण किया। इस स्मारक में चार स्टीलमैन एक खुली किताब के ऊपर सेल के प्रतीक को उठाए हुए थे, जो बोकारो के औद्योगिक विकास और इस क्षेत्र के योगदान का प्रतीक था। इसके अलावा, डॉ. मनमोहन सिंह ने बोकारो जिले के 10 गांवों के विद्युतीकरण कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया था, जो ग्रामीण क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
डॉ. मनमोहन सिंह का झारखंड दौरा न केवल उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान राज्य के विकास को लेकर महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे हमेशा प्रदेशों के लिए योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर गंभीर रहते थे। 2005 में सिख समुदाय से जुड़े चुनाव प्रचार से लेकर, 2008 में बोकारो और जमशेदपुर में किए गए विकास कार्यों तक, डॉ. मनमोहन सिंह का झारखंड से जुड़ा यह सफर यादगार रहेगा। उनके योगदान और विकास कार्यों ने झारखंड को न केवल औद्योगिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में भी लाभान्वित किया।
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