रांची: झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के भवनों के रख-रखाव, संचालन, प्रबंधन और मरम्मति के लिए मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख-रखाव योजना” के अंतर्गत 1,40,00,00,000 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग झारखंड के अधीन संचालित स्वास्थ्य उपकेंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC), अनुमंडलीय अस्पतालों और जिला अस्पतालों के भवनों के वार्षिक और आवधिक रख-रखाव का कार्य किया जाएगा।
अस्पतालों को कैटेगरी में बांटा
योजना के तहत फंड की व्यवस्था विभिन्न स्तर के चिकित्सा संस्थानों के लिए निर्धारित की गई है। सदर अस्पताल को प्रति वर्ष 75 लाख, अनुमंडलीय अस्पताल को 50 लाख, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/रेफरल अस्पताल को 10 लाख, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 5 लाख तथा स्वास्थ्य उपकेंद्र/आयुष्मान आरोग्य केंद्र को 2 लाख की राशि दी जाएगी।
राशि का होगा इस्तेमाल
इस फंड का उपयोग भवन की मरम्मति, रंग-रोगन, चाहरदिवारी की मरम्मति, विद्युत, पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई, बैठने की व्यवस्था, दवाओं, उपकरणों, सोलर लाइट, रेफ्रिजरेटर, शौचालय, अग्निशमन, वृक्षारोपण, बागवानी सहित अन्य आकस्मिक आवश्यकताओं के लिए किया जा सकेगा।
अस्पतालों का रंग निर्धारित
चिकित्सा केंद्र भवनों के रंग-रोगन के लिए भी विशिष्ट रंग निर्धारित किए गए हैं। सदर अस्पताल सफेद, अनुमंडलीय अस्पताल हल्का पीला, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हल्का गुलाबी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हल्का नीला और स्वास्थ्य उपकेंद्र व आयुष्मान आरोग्य मंदिर येलो मेटालिक रंग में रंगे जाएंगे।
अस्पताल की व्यवस्था होगी दुरुस्त
साथ ही, भवनों में बिजली-पानी की निरंतर उपलब्धता, साफ-सफाई, अग्निशमन उपकरण, बागवानी और अनुपयोगी वस्तुओं के निष्पादन को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं। संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जल-विद्युत बिलों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करना होगा। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सौर ऊर्जा और अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि चिकित्सा केंद्रों की बुनियादी सुविधाएं सुदृढ़ हों और मरीजों को एक स्वच्छ, सुरक्षित और बेहतर स्वास्थ्य सेवा का वातावरण प्राप्त हो। यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाएगा।