चाईबासा/ मेरलगढ़ा लौह अयस्क खदान नीलाम : पश्चिमी सिंहभूम जिले में बंद पड़ी आयरन ओर माइन्स को ई-नीलामी के जरिये खोलने की सरकारी प्रक्रिया चल रही है। इस क्रम में नोवामुंडी में तैयार किए गए मेरलगढ़ा आयरन ओर ब्लाक को झारखंड सरकार ने सफलता पूर्वक ई-आक्शन के जरिये आवंटित कर दिया है।
मेरलगढ़ा लौह अयस्क खदान नीलाम
मेरलगढ़ा आयरन ओर ब्लाक को गुरुवार की देर शाम तक चली बोली के बाद ओडिशा की अग्रसेन स्पंज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने 50 साल के लिए अपने नाम किया है। अग्रसेन स्पंज ने इस माइंस को काफी ऊंचे दाम पर खरीदा है। खान एवं भूतत्व निदेशालय में माइंस कमीशनर जितेंद्र कुमार की देखरेख में हुए आक्शन में अग्रसेन स्पंज ने 200.1 फीसद प्रीमियर राशि पर बिडिंग अपने नाम की है।
बिडिंग में दो और कंपनियां शामिल थी। इनमें चाईबासा की मेमको माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड और राउरकेला की ब्लू ऐज ट्रेड वेंचर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी भी शामिल थी। गुरुवार की सुबह आनलाइन बीडिंग 96.1 फीसद प्रीमियम राशि से शुरू हुई थी जो 200.1 पर आकर समाप्त हुई। मेरलगढ़ा आयरन ओर माइंस की लीज अग्रसेन स्पंज के नाम पर आवंटित होने के बाद अब इसके चालू होने का इंतजार रहेगा।
माइंस अगर चालू होती है तो लोगों के लिए नौकरी के अवसर पैदा होंगे। हालांकि इतनी बड़ी प्रीमियम राशि पर खदान को लीज पर लेने के साथ ही यह सवाल भी उठ रहे हैं कि कंपनी कैसे इसे लाभकारी बना पायेगी। वैसे, 31 मार्च 2020 को बंद खदानों में से यह पहली खदान है जो ई-नीलामी के जरिये आवंटित की गयी है।
यह खदान पूर्व में रूंगटा कंपनी के नाम पर आवंटित थी। यहां बता दें कि राज्य सरकार इससे पहले अजिताबुरू आयरन ओर ब्लाक एवं घाटकुरी आयरन ओर ब्लाक-1 का टेक्निकल बिडिंग करा चुकी है मगर दोनों ही बार तकनीकी कारणों से अंतिम समय में नीलामी स्थगित करनी पड़ी थी। अब मेरलगढ़ा माइंस की ई-नीलामी सफलतापूर्वक होने के बाद सरकार 18 अगस्त को बरायबुरु माइन्स की नीलामी की तैयारी में जुट गयी है।
READ ALSO : अपने लिए रखा सिर्फ घर और कार, कर्मचारियों में बांट दिये ₹6,000 करोड़