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Jharkhand Assembly Election 2024 : आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 40 से अधिक उम्मीदवार, क्या वोटर्स करेंगे सही फैसला?

by Anand Mishra
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जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होना है। जैसे-जैसे चुनावी माहौल गर्माता जा रहा है, राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। इसी बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसने प्रत्याशियों की छवि पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। झारखंड इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस चुनाव में लगभग हर प्रमुख दल के कई उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

भाजपा के 20 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 20 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं। इन उम्मीदवारों में से कई पर हत्या, दंगा फैलाना, बलात्कार, और भ्रष्टाचार जैसे आरोप भी शामिल हैं। “स्वच्छ राजनीति” का दावा करने वाली भाजपा के लिए यह आंकड़ा चिंताजनक हो सकता है। अपराधी पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट देना पार्टी की छवि पर सवाल खड़े करता है।

झामुमो और कांग्रेस के 11-11 उम्मीदवार भी आरोपित

भाजपा के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के 11-11 उम्मीदवारों पर भी आपराधिक मामले हैं। भले ही यह संख्या भाजपा से कम है, लेकिन इन दलों के लिए भी यह मुद्दा चिंता का विषय है। झामुमो, जो राज्य में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करना चाहता है, और कांग्रेस, जो अपनी स्थिति को स्थिर करने का प्रयास कर रही है, को इन आंकड़ों पर सफाई देनी पड़ सकती है ताकि उनकी छवि मतदाताओं के सामने नकारात्मक न हो।

अन्य दल भी शामिल

अन्य दलों, जैसे राजद (RJD), ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), बहुजन समाज पार्टी (BSP), और अन्य छोटे दलों के भी कई उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं। राजद और AJSU के तीन-तीन, BSP के आठ, JLKM के सात, NCP, SP, और CPI के कुछ-कुछ उम्मीदवारों पर गंभीर आरोप हैं। यह दर्शाता है कि छोटे दल भी चुनाव जीतने की रणनीति के तहत अपराधी पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट देने से हिचकिचा नहीं रहे।

ऐसे उम्मीदवारों से लोकतंत्र को खतरा?

इन आंकड़ों से यह सवाल उठता है कि क्या लोकतंत्र में ऐसे उम्मीदवारों का होना उचित है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं? क्या हम लोकतंत्र की कीमत पर ऐसे नेताओं को चुन सकते हैं, जिनके इरादे संदेहास्पद हों? चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे सुनिश्चित करें कि ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोका जाए जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।

जागरूक वोटर का फैसला होगा निर्णायक

झारखंड के मतदाताओं का फैसला इस चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण होगा। क्या वे ऐसे उम्मीदवारों को वोट देंगे, जिनकी छवि आपराधिक है या फिर वे एक स्वच्छ और ईमानदार छवि वाले नेताओं का चुनाव करेंगे? इस चुनाव में झारखंड के मतदाताओं का निर्णय न केवल राज्य की सरकार का भविष्य तय करेगा, बल्कि यह भी संदेश देगा कि भारतीय राजनीति में अपराधी नेताओं के लिए कोई जगह है या नहीं।

पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं का वोट राज्य की राजनीति की दिशा तय करेगा। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस हो रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड के मतदाता किसे चुनते हैं और क्या वे एक साफ-सुथरी राजनीति का पक्ष लेंगे।

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