लातेहार : झारखंड के लातेहार जिले में माओवादियों के बीच हुए एक विवाद के चलते कुख्यात माओवादी कमांडर छोटू खरवार की हत्या कर दी गई है। यह घटना जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के भीमपांव जंगल के पास हुई। पलामू के डीआईजी वाई एस रमेश ने इस हत्या की पुष्टि की है और बताया कि यह हत्या माओवादियों के आपसी विवाद के कारण हुई है। हालांकि, पुलिस मामले की जांच कर रही है और हत्याकांड के कारणों का स्पष्ट रूप से पता जांच के बाद ही चल सकेगा।
भीमगांव जंगल की घटना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ दिनों से माओवादियों के बीच आपसी मतभेद और रंजिश चल रही थी। मंगलवार रात को माओवादी समूह भीमपांव जंगल में इकट्ठा हुए थे, जहां एक समझौते की कोशिश की जा रही थी। इस बैठक के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि माओवादी एक-दूसरे से भिड़ गए। इस दौरान, एक माओवादी ने छोटू खरवार को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद, माओवादियों ने शव को जंगल में छोड़ दिया और मौके से फरार हो गए।
पलामू के डीआईजी वाई एस रमेश ने इस हत्या की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतक के शव को जंगल से बरामद किया गया है और यह शव माओवादी कमांडर छोटू खरवार का ही है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही इस हत्या के पीछे के कारणों का खुलासा किया जाएगा।
छोटू खरवार का कुख्यात इतिहास
छोटू खरवार का नाम इलाके में दहशत पैदा करता था। वह माओवादी संगठन का एक बड़ा नेता था और उसके सिर पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था। खरवार के खिलाफ लातेहार और आसपास के कई जिलों के थाना क्षेत्रों में नक्सली हिंसा के दर्जनों मामले दर्ज थे। उसकी माओवादियों के संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका थी, और उसकी गतिविधियां इलाके में खौफ फैलाती थीं।
पुलिस ने बताया कि छोटू खरवार माओवादियों का सबसे प्रभावशाली लीडर था और उसकी हत्या से संगठन में एक बड़ा संकट आ सकता है। इसके बावजूद, पुलिस इस हत्या के मामलों की पूरी जांच कर रही है और जल्द ही इस मामले से जुड़ी और जानकारियां सामने आने की उम्मीद है।
पुलिस की जांच और आगामी कदम
पलामू डीआईजी वाई एस रमेश ने कहा कि पुलिस घटना की तह तक जाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि माओवादी संगठन में बढ़ती हुई आपसी रंजिश और विवादों के कारण ही इस हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस टीम अब मृतक के शव की बरामदगी, घटनास्थल से जुटाई गई जानकारी और माओवादी समूह के अन्य सदस्यों से पूछताछ करके मामले की जांच को आगे बढ़ाएगी।
इस घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ताकि माओवादियों के किसी भी प्रकार के हमले या अन्य गतिविधियों को रोका जा सके। पुलिस ने यह भी कहा कि माओवादी कमांडर छोटू खरवार की हत्या से माओवादी संगठन में असंतोष बढ़ सकता है और इससे इलाके में तनाव उत्पन्न हो सकता है।


