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VARANASI NEWS : बनारस में नमो घाट का एक हिस्सा जमीन में धंसा, 50 करोड़ की लागत से बना था

नमो घाट का एक हिस्सा धंसने की घटना ने इस खूबसूरत घाट की सुरक्षा और स्थिरता पर भी चिंता उत्पन्न कर दी है, और अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर प्रशासन किस प्रकार की कार्रवाई करता है।

by Rakesh Pandey
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वाराणसी: बनारस के प्रमुख और चर्चित नमो घाट का एक हिस्सा बुधवार शाम को अचानक जमीन में धंस गया। यह घटना घाट के फेज 2 में स्थित चाइनीज फूड स्टॉल के पास हुई, जहां दुकान नंबर 13 के पास जमीन बैठने लगी। इस घटना से हड़कंप मच गया, और दुकानदारों और ग्राहकों को अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागना पड़ा। वाराणसी स्मार्ट सिटी और नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति की जांच शुरू की, लेकिन फिलहाल कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है।

नगर आयुक्त ने कहा- कराएंगे जांच

इस घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि हाल ही में 50 करोड़ रुपये की लागत से बने इस घाट का हिस्सा इतनी जल्दी कैसे धंसा। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि घटना की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, निर्माण कार्य करने वाली कंपनी को मरम्मत करने के निर्देश दिए गए हैं।

नमो घाट: काशी के विकास का एक प्रतीक

नमो घाट को काशी के सबसे बड़े घाट के रूप में विकसित किया गया था और यह शहर के प्रमुख आकर्षणों में से एक बन चुका था। इस घाट के पहले चरण में करीब 40 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि दूसरे चरण में 50 करोड़ रुपये की लागत आई थी। पहले चरण में इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड ने निर्माण कार्य पूरा किया था, जिसमें सूर्य नमस्कार का स्कल्पचर, शौचालय, फूड कोर्ट, और प्लाजा जैसे प्रमुख सुविधाएं शामिल थीं। दूसरे और तीसरे चरण में विसर्जन कुंड, मल्टीपरपज ग्राउंड, हेलीकॉप्टर लैंडिंग क्षेत्र, किड्स प्ले एरिया, ओपन थिएटर, वॉटर स्पोर्ट्स रैम्प और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं भी जोड़ी गई थीं।

नमो घाट का उद्घाटन पिछले साल देव दीपावली के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया था। इसके बाद से यह घाट पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच एक प्रमुख आकर्षण बन चुका था।

तत्काल मरम्मत के दिए गए आदेश

नमो घाट के फेज 2 में जमीन धंसने की घटना के बाद से यह सवाल उठ रहा है कि आखिरकार इतनी बड़ी लागत से बने इस घाट के एक हिस्से में तकनीकी खामी कैसे हो सकती है। घाट के मालिकाना हक और निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारियों ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए हैं, ताकि आगे से इस प्रकार की कोई दुर्घटना न हो।
घटना की जानकारी मिलने के बाद से नगर निगम और स्मार्ट सिटी अधिकारियों ने इस मुद्दे की जांच शुरू कर दी है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि यदि इस घटना में किसी प्रकार की लापरवाही सामने आती है, तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

सुरक्षा और जिम्मेदारी पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर निर्माण गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं। घाट पर आये दिन सैलानियों की भीड़ लगी रहती है, और ऐसे में किसी भी प्रकार की तकनीकी खामी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। निर्माण कार्य में लापरवाही को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर तब जब यह घाट इतनी बड़ी लागत से तैयार किया गया था और इसके उद्घाटन में उच्च अधिकारियों की उपस्थिति थी।
नमो घाट का एक हिस्सा धंसने की घटना ने इस खूबसूरत घाट की सुरक्षा और स्थिरता पर भी चिंता उत्पन्न कर दी है, और अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर प्रशासन किस प्रकार की कार्रवाई करता है।

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