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विधानसभा में हंगामा के बीच बोले CM नीतीश कुमार, ‘हम जवाब देने को तैयार हैं, आप लोग सुनना नहीं चाहते’

by Rakesh Pandey
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पटना : बिहार विधानसभा में आज एक बार फिर विपक्षी दल आरजेडी और सरकार के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिली। शिक्षा विभाग से जुड़े एक सवाल पर आरजेडी ने हंगामा करते हुए नीतीश कुमार सरकार की आलोचना की। इस हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपना बयान देते हुए कहा कि सरकार जवाब देने को तैयार है, लेकिन विपक्ष सुनने की बजाय सिर्फ हंगामा कर रहा है।

हंगामा क्यों हुआ?

दरअसल, मामला तब शुरू हुआ जब आरजेडी विधायक ने पटना के दो बड़े प्राइवेट स्कूलों—डीपीएस और डीवाई पाटिल में कमजोर वर्ग के छात्रों के नामांकन से संबंधित सवाल पूछा। विपक्ष का आरोप था कि इन स्कूलों में कमजोर वर्ग के छात्रों का नामांकन नहीं हो रहा है, और सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। आरजेडी ने यह भी सवाल उठाया कि जब प्राइवेट स्कूलों में गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश नहीं मिल रहा है, तो सरकार इन्हें क्यों नहीं नियंत्रित कर रही है।

मंत्री का जवाब, विपक्ष का असंतोष

इस सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने सदन में अपना जवाब दिया, लेकिन विपक्ष इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और प्रश्न को स्थगित करने की मांग करने लगा। इसके बाद स्पीकर ने विपक्ष की मांग को ठुकरा दिया और प्रश्न स्थगित करने से इनकार कर दिया। इससे विपक्ष भड़क गया और विधायक वेल में पहुंच गए। इसके बाद विधायक रिपोर्टर्स टेबल को पीटने लगे और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे।

सीएम नीतीश का जवाब

विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम नीतीश कुमार ने अपना बयान दिया। उन्होंने कहा, “सरकार जवाब देने को तैयार है, लेकिन आप लोग सुनना नहीं चाहते हैं। आप लोग शिकायत कर रहे थे, इसलिए हम ताली बजा रहे थे। आप लोग मेरे खिलाफ बोलिए, हम ताली बजाएंगे।” नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि सरकार हमेशा जनता के हित में काम करती है, और विपक्ष को यह समझना चाहिए कि जब सरकार जवाब देना चाहती है, तो हंगामा नहीं करना चाहिए।

मामले की जांच के आदेश

मुख्यमंत्री ने प्राइवेट स्कूलों में कमजोर वर्ग के छात्रों के नामांकन पर हुए विवाद को गंभीरता से लिया और इस मामले की जांच के आदेश दिए। उन्होंने शिक्षा मंत्री और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले की पूरी जानकारी लेने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया। नीतीश कुमार ने सदन में यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार हमेशा कमजोर वर्ग के छात्रों के हितों की रक्षा करेगी और इस दिशा में जरूरी कदम उठाएगी।

विपक्ष के आरोपों का सीएम ने किया खंडन

विपक्ष के आरोपों के जवाब में सीएम ने कहा कि सरकार हर मामले में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगर कोई स्कूल कमजोर वर्ग के छात्रों का नामांकन नहीं कर रहा है, तो हम उस मामले की जांच करेंगे और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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