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Palamu Youth Found Dead : पलामू के युवक का बेंगलुरु में पेड़ से झूलता मिला शव, परिजनों को हत्या की आशंका

by Anand Mishra
suicide
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  • छतरपुर थाना क्षेत्र के डाली गांव का रहने वाला था मृतक दिनेश भुइयां

Palamu (Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिले के छतरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डाली गांव निवासी दिनेश भुइयां (35) का शव कर्नाटक के बेंगलुरु में एक झाड़ी में पेड़ से झूलता मिला। परिजनों ने दिनेश की मौत को आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या करार दिया है। मृतक की मां फुलेश्वरी कुंवर और पत्नी अनीता देवी ने आरोप लगाया है कि हत्या को आत्महत्या का रूप देने की साजिश रची गई है। दिनेश की मौत की खबर उस वक्त आई जब परिवार छठ पर्व के संध्या अर्घ्य की तैयारी में जुटा था। इकलौते बेटे की असामयिक मौत की सूचना मिलते ही मां और पत्नी बेसुध हो गईं। घर में मातम छा गया।

साथी मजदूर पर लगाया हत्या का आरोप

मृतक की मां फुलेश्वरी कुंवर ने बताया कि दो महीने पहले दिनेश गांव के जितेंद्र भुइयां उर्फ जीतू के साथ बेंगलुरु काम करने गया था। चार दिन पहले दिनेश ने रोते हुए फोन कर बताया था कि कंपनी से मिला 1.20 लाख रुपये का हिसाब का पैसा गायब हो गया है। इस पर जीतू उस पर पैसा छिपाने का आरोप लगाकर जान से मारने की धमकी दे रहा था। दिनेश ने मां से पैसे की व्यवस्था करने को कहा। इसके बाद, फुलेश्वरी और बहू अनीता ने महिला समूह से 80 हजार रुपए लोन लेकर फोन-पे के माध्यम से जीतू को भेजा और शेष राशि जल्द भेजने का भरोसा दिलाया। इसके बावजूद जीतू का दबाव और धमकी जारी रही।

धमकी के बाद मौत, फिर भी नहीं दी सूचना

फुलेश्वरी के अनुसार, चार दिन पहले तक जीतू पैसे की मांग कर रहा था। लेकिन, दिनेश की मौत के बाद भी उसने परिवार को कोई सूचना नहीं दी। जब बेंगलुरु पुलिस को दिनेश का शव मिला, तो जीतू ने अपने भाई नागेंद्र के जरिए गांव में खबर भेजी। जीतू ने दिनेश के परिजनों को धमकी दी कि अगर उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया. तो शव नहीं मिलेगा। इस डर और विवशता में मृतक के परिजनों ने छतरपुर थाना में लिखित आवेदन देकर मौत को आत्महत्या बताया। इसी आधार पर पुलिस ने बेंगलुरु पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करा कर शव सौंप दिया।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

दिनेश घर का इकलौता बेटा था। पिता की मौत के बाद वह मजदूरी कर परिवार चलाता था। पीछे पत्नी अनीता और तीन नाबालिग बेटियां हैं। पति की मौत से अनीता बार-बार बेहोश हो जा रही हैं। सास-बहू अब इस सोच में डूबी हैं कि न केवल बच्चों का भविष्य कैसे संवर पाएगा, बल्कि महिला समूह से लिया गया लोन कैसे चुकाया जाएगा।

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