Ranchi (Jharkhand) : पैनम कोल माइंस की ओर से पाकुड़ और दुमका जिले में किए गए कथित अवैध खनन और वहां से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस जनहित याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने की। राज्य सरकार की ओर से अदालत में उपस्थित अधिवक्ता ने बेंच को बताया कि पैनम माइंस के खिलाफ अब तक उठाए गए सभी कानूनी कदमों की विस्तृत जानकारी कोर्ट को सौंप दी गई है। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई की तिथि 10 जुलाई निर्धारित कर दी है।
लीज से ज्यादा खनन का आरोप
पैनम माइंस को वर्ष 2015 में सरकार ने पाकुड़ और दुमका जिले में कोयला खनन का पट्टा (लीज) दिया था। हालांकि, कंपनी पर आरोप है कि उसने आवंटित लीज क्षेत्र से कहीं अधिक खनन किया है, जिसके कारण सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। इस मामले को लेकर हाई कोर्ट के अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है, जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई है ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। इसके साथ ही याचिका में अवैध खनन के कारण विस्थापित हुए लोगों के उचित पुनर्वास की भी मांग की गई है ताकि उन्हें न्याय मिल सके। अब सभी की निगाहें 10 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हुई हैं।