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Patna Covid-19 : सावधान ! कोरोना का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है पटना, 8 नए मरीज मिलने के बाद लापरवाही बनी चिंता का सबब

by Rakesh Pandey
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पटना : राजधानी पटना एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामलों में हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। विगत तीन सप्ताह से बिहार में जितने भी कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आए हैं, वे सभी पटना जिले से मिले हैं। रविवार को पटना में 8 नए कोरोना मरीज पाए गए हैं, जिससे जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है। इस स्थिति ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

होम आइसोलेशन में रखे गए हैं 8 नए कोरोना संक्रमित

पटना सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार को 5 लोग निजी अस्पताल और लैब में जांच के दौरान संक्रमित पाए गए, जबकि 2 मरीजों की जांच एम्स पटना और एक की एनएमसीएच में हुई। इन सभी मरीजों में संक्रमण के हल्के से लक्षण देखे गए हैं और फिलहाल सभी होम आइसोलेशन में हैं। वर्तमान में पटना जिले में 39 सक्रिय मरीज हैं, जबकि 21 लोग संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं।

पटना के लगभग सभी क्षेत्रों में फैला संक्रमण

पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह के अनुसार, हाल के मामले नेऊरा, दानापुर, दीघा, कुम्हार, राजीवनगर और कंकड़बाग जैसे क्षेत्रों से सामने आए हैं। इसके अलावा, बख्तियारपुर, मीठापुर, एक्जिबिशन रोड और हनुमान नगर में भी कोरोना के मरीज मिले हैं। डॉ. अविनाश कुमार सिंह, सिविल सर्जन, पटना ने कहा कि संक्रमण पटना के विभिन्न इलाकों में फैला है। स्वास्थ्य विभाग लगातार मरीजों की मॉनिटरिंग कर रहा है। सभी संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में हैं और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

स्वास्थ्य विभाग ने की व्यापक तैयारी : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार ने कोविड की बढ़ती संभावित लहर को देखते हुए सभी ज़रूरी व्यवस्थाएं की हैं। राज्य के 38 जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में 60,000 रियल टाइम पीसीआर किट और 40,000 ऑटोमेटेड RNA एक्सट्रेक्शन किट की आपूर्ति की गई है।सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि किटों का सही उपयोग सुनिश्चित करें। हमने पहले भी कोविड प्रबंधन में मिसाल कायम की है और इस बार भी संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पूरी तैयारी है।”

लापरवाही बनी संक्रमण का बड़ा कारण

वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने संक्रमण के बढ़ने का कारण जनता की लापरवाही को बताया। उन्होंने कहा कि लोग सर्दी-खांसी और बुखार को सामान्य मौसमी बीमारी समझकर कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं। वहीं अस्पतालों में मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग नहीं हो रहा है, जिससे स्थिति गंभीर हो रही है। डॉ. दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि संक्रमण के लक्षणों की अनदेखी खतरनाक है। लोगों को चाहिए कि वे कोविड अनुरूप व्यवहार करें, मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें। शुरुआती पहचान से उपचार आसान होता है।

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