पटना : बिहार में किडनी रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है और इसका एक मुख्य कारण खैनी का सेवन बताया जा रहा है। राज्य में पिछले कुछ वर्षों में किडनी रोगियों की सं ख्या 5 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है, और इसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। खैनी चबाने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे किडनी की समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है। इसके अलावा, धूम्रपान और अन्य आदतें भी किडनी पर बुरा असर डाल सकती हैं।
बिहार में किडनी रोगियों की संख्या में वृद्धि
बिहार में पिछले कुछ वर्षों में किडनी रोगियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। राज्य के अस्पतालों में डायलिसिस कराने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। पिछले साल 22 हजार से अधिक लोगों ने विभिन्न अस्पतालों में डायलिसिस कराया। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में करीब 10 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में किडनी रोग से प्रभावित हैं, जो चिंता का विषय है।
किडनी रोग के कारण
बीमारियों के बढ़ने के प्रमुख कारणों में हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और खैनी जैसे आदतों का सेवन शामिल हैं। किडनी रोग का कारण हाई ब्लड प्रेशर और शुगर के अलावा 20% मामलों में अनुवांशिक कारण, दर्द निवारक दवाएं और जन्मजात कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, अनियमित दिनचर्या, पेस्टिसाइड युक्त खाद्य पदार्थ और खैनी जैसी आदतें किडनी के लिए हानिकारक साबित हो रही हैं।
खैनी का असर किडनी पर
बिहार के प्रसिद्ध किडनी रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. हेमंत कुमार ने कहा कि कम उम्र में खैनी का सेवन किडनी पर बुरा असर डालता है। उन्होंने यह पाया है कि कई युवा लड़के जो खैनी का सेवन शुरू कर देते हैं, वे किडनी की गंभीर समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा, गुटका और सिगरेट के सेवन से भी किडनी को नुकसान हो सकता है।
डॉ. हेमंत का कहना है कि किडनी के रोगी बढ़ने का कारण अनियमित दिनचर्या और पेस्टिसाइड युक्त भोजन है। बच्चों में किडनी रोग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए उन्होंने स्कूलों में बच्चों के यूरिन की सालाना जांच कराने की सलाह दी है। साथ ही, व्यस्कों को भी हर साल किडनी की जांच करानी चाहिए।
पेन किलर के से होती है किडनी की समस्या
वैशाली जिले के रहने वाले नागेंद्र प्रसाद की कहानी भी किडनी रोग की गंभीरता को उजागर करती है। नागेंद्र को घुटने में दर्द था, जिसके कारण उन्होंने 2 साल तक पेन किलर का सेवन किया। इससे उनकी किडनी पर बुरा असर पड़ा, और वे किडनी की गंभीर समस्याओं से जूझने लगे। हालांकि, अब किडनी रोग विशेषज्ञ से इलाज करवाकर वे बेहतर महसूस कर रहे हैं।
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