पटना। मुजफ्फरपुर (बिहार) में एक मुठभेड़ में स्मैक माफिया गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि इस माफिया का सरगना मनोज साह नगर थाना क्षेत्र में मौजूद है, जिसके बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम ने कार्रवाई की। लेकिन गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर जब उसने गोली चलानी शुरू कर दी, तो पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें स्मैक माफिया घायल हुआ और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
स्मैक माफिया की गिरफ्तारी का प्रयास
मनोज साह, जो नगर थाना क्षेत्र के कालीबाड़ी रोड का निवासी है, पिछले एक दशक से स्मैक के कारोबार में संलिप्त था। लंबे समय से पुलिस इस अपराधी को पकड़ने के लिए प्रयासरत थी। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मनोज साह इलाके में कहीं देखा गया है, जिसके बाद नगर थाना पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक ऑपरेशन शुरू किया।
पिस्टल छीनकर पुलिस पर गोली चलाने का प्रयास
जैसे ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की, मनोज साह ने दारोगा की पिस्टल छीन ली और पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। यह घटना पुलिस के लिए चौंकाने वाली थी, लेकिन पुलिस ने तत्परता से जवाबी कार्रवाई की और अपनी सुरक्षा में काउंटर फायरिंग की।
पुलिस की जवाबी फायरिंग में माफिया घायल
मुजफ्फरपुर नगर डीएसपी सीमा कुमारी ने इस मुठभेड़ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मनोज साह नगर थाना क्षेत्र में छुपा हुआ है। जब पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची, तो उसने न केवल पुलिसकर्मियों पर गोली चलानी शुरू कर दी, बल्कि दारोगा की पिस्टल छीनने का भी प्रयास किया। ऐसे में पुलिस ने आत्मरक्षा में काउंटर फायरिंग की, जिसमें माफिया के पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया।
घायल अवस्था में उसे तत्काल एसकेएमसीएच (संदेश कुमार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उसकी हालत अब स्थिर है और उसकी स्थिति सामान्य है।
स्मैक माफिया की गिरफ्तारी पर पुलिस का बयान
नगर डीएसपी सीमा कुमारी ने बताया कि यह पूरा ऑपरेशन स्मैक माफिया के खिलाफ पुलिस की लगातार कार्रवाई का हिस्सा था। उन्होंने बताया कि मनोज साह एक बड़ा स्मैक कारोबारी है और उसे पकड़ने के लिए पुलिस काफी समय से प्रयासरत थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस मामले में और अधिक कार्रवाई करेगी।
अपराधी को कड़ी सजा देने की आवश्यकता
इस मुठभेड़ से यह साफ हो गया है कि स्मैक जैसे नशीले पदार्थों के कारोबार में लिप्त अपराधियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी। पुलिस विभाग के लिए यह घटना एक चेतावनी है कि ऐसे अपराधियों से निपटने में सतर्कता बरती जाए। वहीं, इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि पुलिस अपने जान जोखिम में डालकर अपराधियों को पकड़ने की कोशिश करती है, और ऐसे समय में जब पुलिस पर हमले होते हैं, तो उन्हें आत्मरक्षा का अधिकार है।
इस मामले ने यह भी साबित किया है कि बिहार में पुलिस अपराधियों के खिलाफ बिना डर के काम कर रही है और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, यह घटना यह भी दर्शाती है कि पुलिस के खिलाफ कोई भी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।