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Kolhan University में मनाई गई प्रेमचंद जयंती, ‘कफन’ और ‘बड़े भाई साहब’ की जीवंत प्रस्तुति

छात्रों ने नाटक, नृत्य और वक्तव्यों से प्रेमचंद की संवेदना को किया जीवंत...

by Anand Mishra
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Jamshedpur (Jharkhand) : कोल्हान विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग में गुरुवार को हिन्दी साहित्य के शिखर लेखक मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई। इसके पश्चात विभागाध्यक्ष डा. भारती कुमारी, प्रो. संतोष कुमार, तथा अन्य शिक्षकों ने मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

‘कफन’ की मंचीय प्रस्तुति, ‘बड़े भाई साहब’ का एकल नाट्य रूपांतरण

कार्यक्रम में छात्राओं ने समूह नृत्य के माध्यम से मंगलाचरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रो. संतोष कुमार ने प्रेमचंद के साथ-साथ लूशुन और गोर्की जैसे अंतरराष्ट्रीय कथाकारों की साहित्यिक समानताओं की चर्चा की। वहीं, छात्रा सरिता ने मुंशी प्रेमचंद के जीवन और साहित्यिक यात्रा पर प्रकाश डाला।

सबसे विशेष आकर्षण रहा कालजयी कहानी ‘कफन’ का मंचन, जिसमें पात्र घीसू, माधव और बुधिया के माध्यम से आज के स्वार्थी यथार्थ पर कटाक्ष किया गया। कहानी की प्रस्तुति ने यह सिद्ध किया कि प्रेमचंद की रचनाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।

शिक्षकों-छात्रों की सहभागिता ने रेखांकित की प्रेमचंद की जनवादी चेतना

शिक्षक देवेन्द्र मिश्र ने प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘बड़े भाई साहब’ का एकल अभिनय किया, जिसने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डा. भारती कुमारी ने कहा, “आज के दौर में हमें गांधी और भगत सिंह के साथ-साथ प्रेमचंद को भी स्मरण करना चाहिए, क्योंकि उनकी कहानियों में संपूर्ण भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना जीवंत है।”

कार्यक्रम का संचालन छात्रा सीनी और माधुरी ने किया, जबकि शिक्षण सहायक अरविंद दास ने आभार ज्ञापन प्रस्तुत किया। समारोह में विभाग के द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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