राजस्थान: राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) भजनलाल शर्मा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी दूसरी बार जेल से दी गई है। शुक्रवार रात को जयपुर कंट्रोल रूम में एक फोन आया, जिसमें मुख्यमंत्री को धमकी दी गई थी। फोन कॉल के बाद पुलिस प्रशासन तुरंत अलर्ट हो गया।
जांच के दौरान पुलिस ने फोन नंबर की लोकेशन ट्रेस की, जो दौसा जिले के श्यालावास स्थित विशिष्ट जेल में पाया गया। इस जानकारी के बाद दौसा पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया गया और पुलिस ने जेल में तत्काल छापेमारी शुरू की। इस छापेमारी में करीब 100 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस अधिकारियों ने देर रात तक तलाशी अभियान चलाया और धमकी देने वाले आरोपी को पकड़ लिया।
Rajasthan CM Death Threat : पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार रिंकू रडवा ने किया था कॉल
जिन्होंने मुख्यमंत्री को धमकी दी, वह एक कैदी था, जिसका नाम रिंकू रडवा है। रिंकू रडवा 2022 से दौसा सेंट्रल जेल में बंद है। वह पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। पॉक्सो एक्ट बच्चों के साथ यौन शोषण से संबंधित अपराधों को रोकने और ऐसे अपराधियों को सजा दिलाने के लिए लागू किया गया है। यह विशेष कानून बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की यौन हिंसा को रोकने का काम करता है और दोषियों को सख्त सजा दिलाता है।
पूर्व में भी मिल चुकी हैं धमकी
यह पहला मामला नहीं है जब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी दी गई हो। इससे पहले भी उन्हें इसी प्रकार की धमकी मिल चुकी है और वह भी जेल से ही दी गई थी। उस समय भी धमकी देने वाला व्यक्ति दौसा जेल में ही बंद था और मोबाइल फोन के जरिए यह धमकी दी गई थी।
Rajasthan CM Death Threat : जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
अब जब दूसरी बार जेल से सीएम को जान से मारने की धमकी दी गई है, तो जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह साफ तौर पर दिखाता है कि जेल के अंदर मोबाइल फोन और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की रोकथाम करने में प्रशासन नाकाम रहा है। पिछले मामले में भी जेल से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ था, लेकिन अब भी इस प्रकार की घटना हो रही है।
राज्य की पुलिस और जेल प्रशासन के लिए यह एक चुनौती बन गया है कि वे जेलों में मोबाइल फोन और अन्य अवैध वस्तुओं के प्रवेश को कैसे रोकेंगे। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अब राज्य सरकार को गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मिली यह धमकी राज्य की राजनीतिक स्थिति और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। ऐसी धमकियां राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा के मुद्दों को उजागर करती हैं, जिनका असर आम नागरिकों और अधिकारियों दोनों पर पड़ सकता है।
राजस्थान सरकार और पुलिस प्रशासन को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, जेल प्रशासन को भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर काबू पाया जा सके। यह घटना राज्य की राजनीति और सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है और अब समय है कि प्रशासन इस पर गंभीरता से ध्यान दे और सख्त कदम उठाए।
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