RANCHI: अगर आप भी स्क्रीन से जुड़ा कोई ट्रीटमेंट किसी सेंटर में कराने की सोच रहे है तो अलर्ट हो जाए। चूंकि मार्केट में बिना डिग्री के स्किन का ट्रीटमेंट करने का दावा एक्सपर्ट्स कर रहे हैं। इतना ही नहीं इलाज के नाम पर लोगों को ठग भी रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनेरोलॉजिस्ट्स एंड लेप्रोलॉजिस्ट्स (आइएडीवीएल) ने की है।आइएडीवीएल के सेक्रेट्री डॉ राजू कुमार ने कहा कि स्किन का इलाज करने के लिए इस फील्ड में एक्सपर्ट होना जरूरी है। लेकिन बाजार में लुभावने ऑफर के नाम पर ट्रीटमेंट किया जा रहा है। जब केस खराब होता है तो लोग हमारे पास इलाज के लिए आते हैं। प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आईएवीडीएल के स्टेट सेक्रेट्री डॉ राजू कुमार, डॉ अम्लान सोम, डॉ कुमार प्रतीक, डॉ नेहा रानी, डॉ राजेंद्र प्रसाद साहू और डॉ संतोष मोदी मौके पर मौजूद थे।
पार्लर से लेकर क्लीनिक तक फर्जीवाड़ा
स्किन एक्सपर्ट्स ने कहा कि पूरे राज्य में स्किन रोगों और कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के नाम पर चल रही क्वैकरी (फर्जी प्रैक्टिस) के कारण आम लोग गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। इसलिए स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर से ही इलाज कराएं। स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. नेहा रानी ने कहा कि कोई भी ब्यूटी पार्लर या सामान्य क्लीनिक चलाने वाला व्यक्ति खुद को कॉस्मेटोलॉजिस्ट लिख देता है। आम लोगों को लगता है कि ये रजिस्टर्ड डॉक्टर हैं और स्किन-हेयर स्पेशलिस्ट हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि कॉस्मेटोलॉजी कोई मेडिकल स्पेशलाइजेशन है ही नहीं।
सरकार ने कॉस्मेटोलॉजिस्ट के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता सिर्फ 10वीं पास तय की है। ऐसे में साफ है कि क्या ऐसे लोग किसी गंभीर बीमारी या स्किन प्रॉब्लम का इलाज कर सकते हैं। लोग सिर्फ सुंदर दिखने की चाह में अपने चेहरे और बालों की जिम्मेदारी बिना सोचे-समझे इन फर्जी डॉक्टरों के हाथों में सौंप देते हैं। स्किन बर्बाद हो जाती है और कई मामलों में मरीजों की जान पर बन आती है। उन्होंने कानपुर का उदाहरण देते हुए बताया ऐसे ही फर्जी इलाज के चलते दो लोगों की जान चली गई।
क्वैकरी के जाल में फंस रहे लोग
स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. कुमार प्रतीक ने बताया कि इन फर्जी डॉक्टरों द्वारा गलत तरीके से किए जाने वाले ट्रीटमेंट में मरीजों की स्थिति बिगड़ जाती है। उन्होंने कहा, “मुंहासों, झाइयों और हेयर फॉल की समस्या का सस्ता इलाज बताकर ये लोग इंजेक्शन, केमिकल पील और लेजर जैसी प्रक्रिया करते हैं। बिना ट्रेनिंग और बिना मेडिकल नॉलेज के ये सब प्रक्रियाएं खतरनाक साबित होती हैं। बाद में असली डॉक्टरों के पास आने पर मरीज की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी होती है कि इलाज लंबा और महंगा हो जाता है।
सही डॉक्टर से ही कराए इलाज
डॉ. अम्लान और सेक्रेटरी डॉ राजू कुमार ने कहा कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी डॉक्टर से इलाज कराने से पहले यह जरूर जांच लें कि उनके पास मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया या स्टेट मेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त डिग्री है या नहीं। अगर कोई खुद को कॉस्मेटोलॉजिस्ट बताता है, तो समझ जाइए कि वह डॉक्टर नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी तरह के स्किन और हेयर ट्रीटमेंट के लिए हमेशा एमबीबीएस और एमडी (डर्मेटोलॉजी) डिग्रीधारी डॉक्टर से ही ट्रीटमेंट कराए।सिर्फ लाइसेंस प्राप्त विशेषज्ञ ही सही इलाज कर सकते हैं।
आइएडीवीएल कार्रवाई के लिए लिखेगा पत्र
आइएडीवीएल के सेक्रेट्री डॉ राजू कुमार ने बताया जल्द ही इस मामले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड और सिविल सर्जन रांची को भी एक पत्र लिखा जाएगा। जिसमें फर्जी प्रैक्टिस करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। उन्होंने बताया कि लोग भी इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इलाज कराने से पहले ये जानना जरूरी है कि जिनसे इलाज करा रहे हैं वे उसके एक्सपर्ट है या नहीं।