रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की यात्रा से पहले पार्टी के बागी नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। पार्टी में बगावत कर चुनाव लड़ने वाले नेताओं पर अब गाज गिरनी शुरू हो गई है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने स्पष्ट किया है कि जिन्होंने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में कदम रखा है, उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
ये हैं बागी, की गयी कार्रवाई
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया चेयरमैन सतीश पॉल मुंजनी ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर निम्नलिखित नेताओं को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया गया है। इनमें देवेंद्र सिंह बिट्टू, मुनेश्वर उरांव और इसराफिल अंसारी शामिल हैं। इन तीनों नेताओं ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ अपनी दावेदारी पेश की है।
इन सीटों से चुनाव लड़ रहे बागी
बता दें कि मुनेश्वर उरांव 73-मनिका विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। वे लातेहार जिले के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। इसराफिल अंसारी 34-गोमिया विधानसभा क्षेत्र में चुनावी मैदान में हैं। वहीं, देवेंद्र सिंह बिट्टू 75-पांकी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गये हैं।
कांग्रेस का संदेश
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी बगावत करने वाले नेताओं के प्रति कभी औप किसी भी प्रकार की सहनशीलता नहीं बरतेगी। यह कदम पार्टी में अनुशासन बनाये रखने और आगामी चुनावों में एकजुटता बना कर लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति के तहत उठाया गया है।
राजनीतिक गलियारे में भी इसे लेकर चर्चा है। माना जा रहा है कि झारखंड कांग्रेस की यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि पार्टी अपने अधिकृत उम्मीदवारों की रक्षा के लिए कड़ा रुख अपनाने को तैयार है। अब यह देखना यह है कि बागी नेता इस फैसले के बाद आगे की रणनीति कैसे बनाते हैं और कांग्रेस की एकजुटता पर इसका क्या असर होता है।


