Ranchi : इन दिनों किशोर घर पर मामूली डांट भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। बिहार के वैशाली जिले के दो किशोरों को घर पर रील बनाने से मना किया गया और पढाई में दिल लगाने की बात कही गई तो डांट सुन कर दोनों ने घर से भाग जाने का फैसला कर लिया। दोनों किशोर भाग कर रांची पहुंचे और यहां रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ जवानों की नजर में आ गए। आरपीएफ ने दोनों को पकड़ कर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है। उनके परिजनों को भी सूचना दे दी है। चाइल्ड लाइन में दोनों किशोरों को समझाया जा रहा है कि वह आगे से ऐसी हरकत नहीं करें और पढ़ाई लिखाई में मन लगाएं।
रांची रेल मंडल के मंडल सुरक्षा आयुक्त पवन कुमार के निर्देश पर आरपीएफ के जवान अच्छा काम कर रहे हैं। बताते हैं कि आरपीएफ की नन्हें फरिश्ते टीम के उप निरीक्षक रवि शेखर, कांस्टेबल अरुण कुमार और केएम अंजना रेलवे स्टेशन पर थीं। तभी उन्हें स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में दो किशोर नजर आए। दोनों के पास पहुंच कर पूछताछ की गई तो आरपीएफ जवानों का शक गहरा गया कि यह दोनों घर से भाग कर यहां आए हैं। दोनों ने यह नहीं बता पा रहे थे कि उन्हें जाना कहां हैं। गहराई से पूछताछ में दोनों ने सच बता दिया कि वह घर से भाग आए हैं। दोनों बच्चों ने बताया कि वे पढ़ाई नहीं करते थे और अपना समय मोबाइल पर रील बनाने और शॉर्ट वीडियो देखने में बिताते थे। जब उन्हें माता-पिता द्वारा डांटा गया, तो वे गुस्से में आकर घर से भाग निकले और रांची आ पहुँचे।
इनमें से एक किशोर ने अपना नाम बिट्टू कुमार बताया। वह 14 वर्ष का है और बिहार के वैशाली जिले के चांद सराय के वार्ड संख्या सात का रहने वाला है। दूसरे किशोर ने अपना नाम आदित्य सैनी बताया। उसकी उम्र 15 वर्ष है। वह भी बिहार के वैशाली जिले के जंदाहा के वार्ड संख्या 11 का रहने वाला है। दोनों के घर वालों को सूचना दे दी गई है। दोनों के घर वाले यह जानकर खुश हो गए कि उनके बेटे मिल गए हैं। इनके घर वालों ने बताया कि वह इन दोनों को खोज रहे थे। उनके परिजन इन दोनों को लेने के लिए रांची के लिए रवाना हो चुके हैं।