Chaibasa : पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा में सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) की लौह अयस्क खदान में ठेका मजदूर की मौत हो गई। इसके बाद गुरुवार को मजदूरों ने जमकर बवाल किया। सेल के ठेकेदार के प्रति लोगों का काफी आक्रोश देखने को मिला। जानकारी के अनुसार, बिना सेफ्टी इक्विपमेंट के काम में लगाने की वजह से कार्य के दौरान ठाकुरा गांव निवासी कानू चाम्पिया गुरुवार को सुबह 9.30 बजे घायल हुआ, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसके विरोध में ग्रामीणों और मजदूर संगठनों ने शव के साथ गुवा जनरल ऑफिस का घेराव कर दिया।
प्रदर्शनकारी 50 लाख रुपये मुआवजा और मृतक के परिजन को स्थायी नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने एलान किया है कि जब तक सेल प्रबंधन द्वारा कोई लिखित नहीं देते हैं तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने पहले गुवा अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद फिर शव को कंधे पर उठाकर जनरल ऑफिस गेट के सामने रख दिया। जहां जमकर नारेबाजी कर धरना-प्रदर्शन शुरू किया गया। करीब 2 घंटे तक प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर प्रदर्शनकारियों ने जनरल ऑफिस के गेट का ताला तोड़ दिया और सभी अंदर घुस गए। गेट पर कंपनी के सुरक्षाकर्मी व सीआईएसएफ के जवानों ने मजदूरों को रोकने का काफी प्रयास किया, परंतु वे सफल नहीं हो सके।
सेल के जनरल ऑफिस में घुसकर मजदूर नारेबाजी करने लगे। उसके बाद किरीबुरू के इंस्पेक्टर बमबम कुमार ने सभी आंदोलनकारियों को शांत कराया। उसके बाद वार्ता करने का प्रस्ताव दिया। कई दौर की बैठक के बाद सेल प्रबंधन ने मुआवजा और कांट्रैक्ट बेसिस पर परिजन को नौकरी देने की बात कही, लेकिन संयुक्त यूनियनों एवं ग्रामीणों ने साफ-साफ मना कर दिया और कहा कि तुरंत ही मृतक के आश्रित को स्थायी नौकरी और 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। इसके बाद आंदोलनकारियों ने गुवा खदान में दूसरी पाली की ड्यूटी के लिए जाने वाली सभी बसों को रोक दिया। समाचार लिखे जाने तक आंदोलन जारी था।
भवन निर्माण के दौरान हुआ था हादसा
गुवा सेल खदान के जीरो प्वाइंट एरिया में एक नए भवन का निर्माण हो रहा है। दो दिन पहले मंगलवार को छत की ढलाई हुई थी। बताया जाता है कि गुरुवार को साइड का पटरा हटाने के दौरान पटरों के साथ निर्माण सामग्री भी उसके ऊपर गिर गया। इससे दबकर कानू चाम्पिया गंभीर रूप से घायल हो गया था। गंभीर रूप से घायल होने पर उसे तत्काल गुवा स्थित सेल अस्पताल लाया गया था।
संयुक्त यूनियनों ने उठाए कई ज्वलंत मुद्दे
संयुक्त यूनियनों के लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस ठेका मजदूर की मौत हुई है, वह गुवा के ही रहने वाले बोलाय सिंह एंड संस के अधीन कार्यरत था। उसकी उम्र मात्र 16 वर्ष थी। ऐसे में कॉन्ट्रैक्टर द्वारा उससे काम कैसे लिया जा रहा था। उसके पास न गेटपास था, ना ही उसे सेफ्टी के उपकरण दिए गए थे। संयुक्त यूनियनों ने इसकी जांच कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
मजदूरों ने कहा- चुप नहीं रहेंगे
प्रदर्शनकारी मजदूरों का कहना है कि सेल प्रबंधन हर बार हादसे के बाद खानापूर्ति करता है। लेकिन, इस बार हम चुप नहीं बैठेंगे। जब तक ठोस लिखित आश्वासन नहीं मिलता, आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
- मृतक के परिजन को सेल में स्थायी नौकरी दी जाए
- 50 लाख रुपये का मुआवजा तत्काल दिया जाए
- ठेका मजदूरों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों को कड़ाई से लागू किया जाए
- दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच हो