Jamshedpur (Jharkhand) : साकची स्थित द ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वीमेन में बुधवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और आदिवासी जननायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया। कॉलेज परिवार ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें झारखंड के सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास का अमिट अध्याय बताया।
शिबू सोरेन का जीवन बना संघर्ष और सेवा का प्रतीक
शोकसभा का नेतृत्व कॉलेज की प्राचार्या डॉ. वीणा सिंह प्रियदर्शी ने किया। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन न सिर्फ एक राजनेता बल्कि झारखंडी अस्मिता के प्रतीक थे। उन्होंने जल, जंगल और जमीन के लिए आजीवन संघर्ष किया। वे शोषितों, आदिवासियों और वंचित वर्ग की बुलंद आवाज थे, जिन्होंने आदिवासी संस्कृति और अधिकारों के संरक्षण हेतु ऐतिहासिक योगदान दिया।
डॉ. वीणा सिंह ने कहा, “दिशोम गुरु की दूरदर्शिता, नि:स्वार्थ सेवा भावना और नेतृत्व क्षमता आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनका जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित था।”
शिक्षकों और कर्मियों ने दी श्रद्धांजलि
शोकसभा में कॉलेज के सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। तत्पश्चात्श्र भावभीनी द्धांजलि दी। उपस्थित जनों ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि शिबू सोरेन के बिना झारखंड आंदोलन की कल्पना अधूरी है। उन्होंने राज्य को एक पहचान देने में अहम भूमिका निभाई थी।