देवघर : झारखंड का प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2025 इस वर्ष 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। एक माह तक चलने वाले इस पावन आयोजन में देश और विदेश से 51 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। हर साल की तरह इस वर्ष भी देवघर जिला प्रशासन द्वारा मेला को सुव्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन इस बार की सबसे बड़ी खासियत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित व्यवस्थाएं हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पहली बार होगा व्यापक उपयोग
श्रावणी मेले के इतिहास में पहली बार जिला प्रशासन द्वारा AI तकनीक के सहारे श्रद्धालुओं की सहायता के लिए एक नया चैटबाॅट एप लॉन्च किया जा रहा है। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं त्वरित और सटीक रूप से उपलब्ध कराना है।
क्या है चैटबाॅट एप और कैसे करेगा काम
देवघर जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी अभय पाराशर के अनुसार, यह चैटबाॅट एप एक डिजिटल सहायक के रूप में कार्य करेगा। इसे एक लिंक के माध्यम से श्रद्धालु अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष नंबर भी जारी किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु इस सेवा का लाभ ले सकेंगे।
इस एप के माध्यम से श्रद्धालु निम्नलिखित जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे :
बाबा बैद्यनाथ मंदिर का इतिहास और दर्शन की प्रक्रिया
रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट की लोकेशन व मार्गदर्शन
नजदीकी अस्पताल, पुलिस स्टेशन, धर्मशाला और अन्य आपात सेवाओं की जानकारी
मेले की दैनिक गतिविधियां और दिशा-निर्देश
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नई डिजिटल व्यवस्था
जिला प्रशासन ने बताया कि यह चैटबाॅट एप श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, ताकि मेले में आने वाले किसी भी व्यक्ति को स्थान, सेवाओं और व्यवस्थाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो। इस पहल का उद्देश्य डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप धार्मिक पर्यटन को तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
टेस्टिंग के बाद होगा पूर्ण लॉन्च
जिला सूचना विज्ञान कार्यालय द्वारा बताया गया कि इस AI चैटबाॅट एप की टेस्टिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। परीक्षण सफल होने के पश्चात इसे श्रद्धालुओं के लिए औपचारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन एप से संबंधित संपूर्ण जानकारी भी सार्वजनिक करेगा।
जिला प्रशासन का डिजिटल मेला प्रबंधन की दिशा में अग्रसर कदम
देवघर के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने जानकारी दी कि इस बार श्रावणी मेला में तकनीक के माध्यम से श्रद्धालुओं की सीधी भागीदारी और जिला प्रशासन से संवाद संभव हो सकेगा। यह पहल डिजिटल ट्रांजिशन और स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।