RANCHI: झारखंड स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोट्टो) द्वारा शनिवार को एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य उन दिवंगतों के परिजनों को सम्मानित करना था जिनके चले जाने के बाद उनकी आंखों से कोई और इस दुनिया को देख रहा है। समारोह का मुख्य उद्देश्य अंगदान के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना भी था। कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से दिवंगत सुशांत सिंह के बारे में बताया गया जिनके परिवार ने 2023 में लंदन में उनके अंग दान किए थे।
सुशांत सिंह के पिता ने वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि मुझे ऐसा लगता है जैसे मेरा बेटा आज भी जीवित है। उसके अंगों के माध्यम से कई लोगों को नई जिंदगी मिली है। समारोह में रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार, डीन डॉ शशि बाला सिंह, नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार और सोट्टो झारखंड के नोडल पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन उपस्थित रहे।
अंगदान से मिलेगा नया जीवन
रिम्स के डायरेक्टर डॉ राजकुमार ने कहा कि जब किसी व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया जाता है, तो अंगदान को लेकर हिचक क्यों? हमें समाज में वहीं जागरूकता लानी होगी जो रक्तदान के लिए आई थी। मीडिया और जनता को मिलकर इस प्रयास को आगे बढ़ाना होगा। अंगदान किसी को नया जीवन दे सकता है, इसे व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
SOTTO झारखंड ने दिवंगत नेत्रदाताओं के परिजनों को सम्मानित किया। सभी को शॉल ओढ़ाकर सम्मान दिया गया। दिवंगत ईश्वर सिंह, राम रतन राम, शारदा वोरा, हराधन महतो के परिजनों ने भी लोगों को अंगदान का संदेश दिया। कार्यक्रम में RIMS क्विज सोसायटी के 2022 बैच के स्टूडेंट्स द्वारा पोस्टर मेकिंग, फेस पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से स्टूडेंट्स ने अंगदान जैसे गंभीर विषय पर प्रभावी संदेश दिया।
अंगदान को लेकर संकोच न करे
वक्ताओं ने भी समाज से आग्रह किया कि वे अंगदान को लेकर संकोच न करें और मृत्यु के बाद भी किसी के जीवन को बचाने का संकल्प लें। आपकी एक छोटी से पहल से किसी को नया जीवन मिल सकता है। आपकी दान की गई आंखों से फिर से किसी की बेरंग दुनिया रंगीन हो सकती है। इसलिए अंगदान जरूर करे।