RANCHI (JHARKHAND): टीबी नियंत्रण के लिए रांची जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। शुक्रवार को समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स कमिटी की बैठक हुई। जिसमें टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक चलने वाले टीबी मुक्त भारत अभियान की तैयारियों और प्रगति की समीक्षा की गई।

घर जाकर की जा रही स्क्रीनिंग
बैठक में सिविल सर्जन, परियोजना निदेशक आईटीडीए, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पंचायती राज पदाधिकारी, डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में अभियान की शुरुआत हो चुकी है और सभी प्रखंडों एवं शहरी क्षेत्रों में संवेदनशील वर्गों (वल्नरेबल ग्रुप) की पहचान कर घर-घर जाकर टीबी स्क्रीनिंग की जा रही है। इन संवेदनशील समूहों में अनाथालय, वृद्धाश्रम, झुग्गी-बस्ती, प्रवासी मजदूर, निर्माण स्थल, जेल के कैदी, पूर्व टीबी मरीज, धूम्रपान करने वाले, डायबिटीज और एचआईवी संक्रमित लोग शामिल हैं। सहिया व स्वास्थ्यकर्मी इनके बीच निःशुल्क जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
निगरानी का सौंपा गया जिम्मा
उपायुक्त ने अभियान की निगरानी के लिए प्रखंड स्तर पर MOIC और जिला स्तर पर सिविल सर्जन को जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों पर नजर रखने, स्कूल-कॉलेज और पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उपायुक्त द्वारा टीबी मरीजों को फूड बास्केट वितरित किया गया और अधिकारियों को वितरण बढ़ाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में प्रशासन का साथ दें और टीबी मुक्त रांची बनाने में सहयोग करें।
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