सेंट्रल डेस्क : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने हाल ही में कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐसा बयान दिया, जिसने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि यदि उनके इस्तीफे से यूक्रेन को नाटो (NATO Membership) की सदस्यता मिलती है और देश में स्थायी शांति (Peace) कायम होती है, तो वह बिना किसी हिचकिचाहट के राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार हैं।जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब यूक्रेन लंबे समय से रूस के साथ युद्ध की स्थिति में है और नाटो की सदस्यता को सुरक्षा का अहम साधन मानता है।
उन्होंने स्पष्ट कहा, “अगर यूक्रेन में शांति बहाल होती है और देश को नाटो में शामिल होने का मौका मिलता है तो मैं पद छोड़ने में कोई आपत्ति नहीं करूंगा।”नाटो सदस्यता के लिए इस्तीफे की पेशकशजेलेंस्की ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य देशवासियों की सुरक्षा और यूक्रेन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है। अगर उनके पद छोड़ने से यूक्रेन को नाटो की सुरक्षा छतरी मिलती है, तो वह इस त्याग के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, “अगर आप सच में चाहते हैं कि मैं इस्तीफा दूं और इससे देश को फायदा हो, तो मैं तुरंत यह कदम उठाऊंगा।”यूक्रेन की सुरक्षा और भविष्य पर जोरयूक्रेन बीते कई वर्षों से नाटो की सदस्यता पाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन रूस के विरोध और अन्य जटिलताओं के कारण यह प्रक्रिया अधूरी रही है। जेलेंस्की का यह बयान नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की गंभीरता को दर्शाता है। उनका मानना है कि नाटो सदस्यता से यूक्रेन को सैन्य और कूटनीतिक सुरक्षा का बड़ा आधार मिलेगा।राजनीतिक हलकों में हलचलजेलेंस्की के इस बयान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह यूक्रेन की नाटो सदस्यता के लिए एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जबकि कुछ इसे राष्ट्रपति की देशभक्ति भावना का प्रतीक मानते हैं।हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि नाटो और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह यूक्रेन के भविष्य को कोई नया मोड़ देगा।


