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अंधविश्‍वास की आड़ में दरिंदगी, सगी बहनों से तांत्रिक समेत कई लोग करते रहे दुष्कर्म

by Rakesh Pandey
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पटना : अंधविश्वास की आड़ में ऐसी दरिंदगी की घटनाएं कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं। बिहार के राजपुर थाना के एक गांव में ऐसी घटना घटी जो किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को झकझोरकर रख दे। यहां दो सगी नाबालिग बहनों के साथ अत्याचार होता रहा। तांत्रिक सहित कई लोग इन्हें अपनी हवस का शिकार बनाते रहे। वह तो एक पीड़िता बच्ची ने हिम्मत दिखाई जिसकी वजह से अब आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी। विशेष पॉक्सो कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई पूरी हुई, जिसमें 14 और 16 साल की दो नाबालिग पुत्रियों ने अपने साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

सभी आरोपियों पर दोष सिद्ध

मामले में पीड़िता ने अपनी मां और मौसी समेत कुल पांच लोगों की इस घटना में संलिप्तता की बात कही थी। सुनवाई के क्रम में सभी पर दोष सिद्ध पाया गया है। इसके बाद अब सजा के बिंदु पर 12 सितम्बर को सुनवाई होगी।

2012 से ही हो रही थी हवस की शिकार

इस मामले की जानकारी देते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि राजपुर थाना के एक गांव की रहने वाली दोनों नाबालिग बच्चियां 2012 से ही लोगों की हवस का शिकार बन रही थीं।

पुत्र प्राप्ति के लिए तांत्रिक के चक्कर में फंसे लोग

दरअसल, दंपती के कोई पुत्र नहीं था। पुत्र की प्राप्ति के लिए ये लोग स्थानीय तांत्रिक अजय कुमार के चक्कर में आ गए। उक्त तांत्रिक की बातों में आकर ही दोनों बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बात कही जा रही है। दंपती को पुत्र होने के बाद उक्त तांत्रिक ने उन्हें बच्चे के ऊपर खतरा होने की बात बताते हुए अनुष्ठान की सलाह दी। दोनों बच्चियों को अनुष्ठान में शामिल किया गया। इस दौरान तांत्रिक समेत दो अन्य लोग इन बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाते रहे।

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ऐसे उजागर हुआ मामला

इन बच्चियों के ऊपर जुल्म होता रहा। बाद में तंग आकर बच्चियों ने हिम्मत दिखाई। किसी तरह हिम्मत कर बक्सर पहुंच गईं। वहां एक व्यक्ति को अपनी समस्या बताई। इसके बाद उस व्यक्ति ने दोनों बच्चियों को पुलिस के पास पहुंचाया। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लिया। 28 अप्रैल को महिला थाना में केस दर्ज हुआ। केस दर्ज होने के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। महिला थाने में दर्ज इस मामले की सुनवाई एडीजे 6 सह विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मनकामेश्वर प्रसाद चौबे की कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत चल रही थी।

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