RANCHI (JHARKHAND): झारखंड में शहरी विकास योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारने को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में बैठक की। उन्होंने कहा कि शहरी निकायों की जवाबदेही सेवा प्रदाता की तरह है और योजनाओं को तय समयसीमा में पूर्ण करना अनिवार्य है। राज्य स्तरीय मेजर अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) समेत अन्य शहरी योजनाओं के हर चरण की समयसीमा तय की जाए। इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया कि कालोनियों का सौंदर्यीकरण किया जाए, लैंडस्केपिंग और पौधारोपण कर आकर्षक माहौल तैयार किया जाए। बैठक में रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह, विशेष सचिव मनोहर मरांडी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
लापरवाही बरतने वाली एजेंसी होगी डिबार
बैठक में विभिन्न नगर निकायों की ओर से योजनाओं में हो रहे विलंब के पीछे भूमि की अनुपलब्धता और वन विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) में देरी को कारण बताया गया। इस पर सचिव ने कहा कि अब मुख्यालय स्तर पर वरीय अधिकारी को नोडल अफसर नियुक्त किया जाएगा जो जिला प्रशासन से समन्वय कर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कराएगा। उन्होंने कहा कि बड़े मामलों में वे स्वयं वन विभाग और जिला प्रशासन से बात करेंगे। प्रधान सचिव ने धनबाद पेयजल योजना, रामगढ़ पेयजल योजना, आदित्यपुर सिवरेज योजना, देवघर और हजारीबाग सेप्टेज प्रोजेक्ट की प्रगति पर असंतोष जताया। उन्होंने चेतावनी दी कि काम में लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों को डिबार और टर्मिनेट करने की कार्रवाई की जाएगी। शहरी स्वच्छता पर भी जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बरसात को ध्यान में रखकर नालों की सफाई और जलजमाव से निपटने के उपाय किए जाएं।

