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आम लोगों को कौन पूछे अब खास भी रेलवे की सेवा से परेशान, रेलयात्रा के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश को हुई असुविधा के लिए मांगा स्पष्टीकरण

by Rakesh Pandey
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प्रयागराज:  रेलवे में दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ ट्रेनों में भारी भीड़ और दूसरी ओर ट्रेनों के लेटलतीफी से लोग परेशान हैं। ये मामले अक्सर सोशल मीडिया में सर्खियां बटोर रही हैं। अब ताजा मामला प्रयागराज का है।

नई दिल्ली से प्रयागराज की रेलयात्रा के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गौतम चौधरी को हुई असुविधा के लिए उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक को नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा है।

उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) आशीष कुमार श्रीवास्तव ने 14 जुलाई को एक पत्र लिखकर महाप्रबंधक (एनसीआर) को अवगत कराया है कि न्यायमूर्ति चौधरी अपनी पत्नी के साथ आठ जुलाई को पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से एसी-1 कोच में यात्रा कर रहे थे और विलंब से चल रही इस ट्रेन में न्यायाधीश और उनकी पत्नी को काफी असुविधा हुई।

पत्र के अनुसार यह ट्रेन तीन घंटे से अधिक समय से विलंब से चल रही थी। बार-बार टीटीई को सूचना देने के बावजूद न्यायमूर्ति चौधरी की जरूरतें पूरी करने के लिए राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) का कोई कर्मी मौजूद नहीं था। इतना ही नहीं, कई बार सूचना देने के बावजूद पैंट्री कार से कोई भी कर्मचारी जलपान लेकर नहीं आया।

जब पैंट्री कार के प्रबंधक राज त्रिपाठी को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इससे न्यायमूर्ति गौतम चौधरी को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है।

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श्रीवास्तव ने पत्र में लिखा है कि माननीय न्यायाधीश ने उन्हें हुई इस असुविधा के लिए रेलवे के लापरवाह अधिकारियों, जीआरपी कर्मियों और पैंट्री कार प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है। इस प्रकरण के बाद रेल अधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा है।

यह हाल सिर्फ इस ट्रेन का नहीं है। अधिकतर ट्रेनों का ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाये तो कमो बेस यही स्थिति है। आम लोग परेशान हैं पर इस दिशा में सुधार को लेकर कवायद होता नहीं दिख रहा है।

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