रांची, झारखंड: राज्य के उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद (Minister Yogendra Prasad) बुधवार को एक्शन मोड में नजर आए। भाई के श्राद्ध कार्यक्रम से लौटते ही उन्होंने नेपाल हाउस स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभागीय कर्मचारियों की उपस्थिति, कार्यप्रणाली और फाइलों के निस्तारण की स्थिति का जायजा लिया।
Water Resources Minister Surprise Visit: सात कर्मचारी मिले गैरहाजिर, मांगा गया स्पष्टीकरण
निरीक्षण के दौरान मंत्री को पता चला कि विभाग के कुल सात कर्मचारी बिना किसी सूचना के कार्यालय से अनुपस्थित थे। इस पर नाराज़गी जताते हुए मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही विभागीय सचिव को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
समयबद्ध सेवा और जिम्मेदारी पर मंत्री का जोर
मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि जनता को पेयजल और स्वच्छता से जुड़ी सेवाएं समय पर और प्रभावी तरीके से मिलनी चाहिए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विभाग के कामकाज में पारदर्शिता, अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
शून्य सहनशीलता नीति अपनाने का निर्देश
योगेंद्र प्रसाद ने अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देश दिया कि काम में अनावश्यक देरी, फाइलों को जानबूझकर रोकने और जिम्मेदारियों से बचने की प्रवृत्तियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। उन्होंने विभाग को ‘शून्य सहनशीलता नीति’ के तहत कार्य करने का आदेश दिया।
जनता की सेवा में कोई कोताही नहीं चलेगी
मंत्री ने कहा कि विभाग का मुख्य उद्देश्य जनता को बुनियादी सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराना है। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी इसमें बाधा बनता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नियमित निरीक्षण जारी रहेंगे और प्रदर्शन के आधार पर ही अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।