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सत्ता जाते ही वाईएसआर कांग्रेस के निर्माणाधीन कार्यालय पर चला बुलडोजर

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क: YSRCP Office Demolished

कहा जाता है कि ‘जिसके पास लाठी होती है भैंस भी उसी की होती है।’ यह कहावत चरितार्थ हुई है आंध्र प्रदेश में जहां इसी महीने सत्ता से बाहर हुई वाईएसआर कांग्रेस के निर्माणाधीन कार्यालय को बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया।

 

YSRCP Office Demolished: वाईएस रेड्डी ने नई सरकार पर लगाए आरोप

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का गुंटूर जिले में केंद्रीय कार्यालय का निर्माण किया जा रहा था। निर्माणाधीन कार्यालय भवन ध्वस्त किए जाने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए की गई है।

YSRCP Office Demolishedतेदेपा ने कहा- अवैध तरीके से किया जा रहा था निर्माण

वहीं इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए सत्तारूढ़ तेलुगू देसम पार्टी कर ओर से कहा गया है कि कानून के दायरे में यह कार्रवाई की गई। कार्रवाई उस शिकायत पर की गई जिसमें कहा गया कि विपक्षी पार्टी का कार्यालय सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से किया जा रहा था।

 

दो एकड़ में बन रहा था कार्यालय, सुबह हुआ जमींदोज

वाईएसआर कांग्रेस का यह कार्यालय गुंटूर जिले के ताड़ोपल्ली में किया जा रहा था। मंगलगिरी-ताड़ेपल्ली नगर निगम का दस्ता सुबह-सुबह साढ़े पांच बजे निर्माण स्थल पहुंच गया। निर्माणाधन भवन को ध्वस्त करने में बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया।

 

प्रतिशोध की राजनीति कर रहे चंद्राबाबू: जगन मोहन

इस कार्रवाई के बाद एक्स पर किए गए पोस्ट में जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं। किसी तानाशाह की तरह उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस के निर्माणाधीन भवन को मशीनों और बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया जबकि यह कार्यालय भवन लगभग बनकर तैयार हो चुका था।

हाईकोर्ट में दी गई थी चुनौती

वाईएसआर कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था और राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की इस तरह की किसी कार्रवाई को चुनौती दी गई थी। इसके अगले ही दिन यानि शनिवार को सुबह-सुबह भवन को ध्वस्त करने की कार्रवाई को अंजाम दे दिया गया। यह कार्रवाई तब की गई जब हाई कोर्ट ने इस भवन को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया था। पार्टी के वकील की ओर से राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के आयुक्त को इस संबंध में जानकारी भी दे दी गई थी।

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